क्या भारत-पाकिस्तान के बीच फिर से बढ़ रहा है तनाव? जानें पूरी कहानी

भारत-पाकिस्तान तनाव 2025: नई चुनौतियाँ
India Pakistan tension 2025 : ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद पाकिस्तान एक बार फिर तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। हालिया मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस्लामाबाद में भारतीय राजनयिकों को परेशान किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि उन्हें आवश्यक चीज़ों जैसे गैस, अखबार और साफ पानी की आपूर्ति में रुकावट का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, इस मामले में सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
गैस, पानी और अखबार की आपूर्ति में रुकावट
एक रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के निर्देश पर ये कदम उठाए जा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, SNGPL (सुई नॉर्दर्न गैस पाइपलाइन लिमिटेड) ने भारतीय उच्चायोग के लिए पाइपलाइन तो लगाई है, लेकिन जानबूझकर गैस की आपूर्ति रोक दी गई है। इसके अलावा, गैस सिलेंडर की डिलीवरी करने वालों को भी निर्देश दिया गया है कि वे भारतीय स्टाफ को सिलेंडर न दें।
पीने के पानी तक रोका गया
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि जिस ठेकेदार को उच्चायोग में साफ पानी की डिलीवरी का कार्य सौंपा गया था, उसे भी रोका जा रहा है। इससे मिशन में कार्यरत कर्मचारी काफी परेशान हैं, क्योंकि नल का पानी बिना फिल्टर के पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके साथ ही, अखबारों की सप्लाई भी बंद कर दी गई है, जिससे भारतीय अधिकारी स्थानीय घटनाओं से अनभिज्ञ रह रहे हैं।
वियना कन्वेंशन का उल्लंघन
भारत के सरकारी सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की ये गतिविधियाँ वियना कन्वेंशन का स्पष्ट उल्लंघन हैं। वियना संधि के अनुसार, किसी भी देश में तैनात राजनयिकों को बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करना मेज़बान देश की जिम्मेदारी होती है। लेकिन पाकिस्तान लगातार इन नियमों का उल्लंघन कर रहा है।
पुलवामा से पहलगाम तक, लंबे समय से बढ़ता तनाव
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव 2019 के पुलवामा हमले के बाद से लगातार बना हुआ है। उस समय भारत ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया था। हाल ही में अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने फिर से जवाबी कार्रवाई करते हुए "ऑपरेशन सिंदूर" को अंजाम दिया। ऐसे में पाकिस्तान की नई हरकतों को भारत के सख्त रुख के जवाब के रूप में देखा जा रहा है।