क्या महाराष्ट्र में राजनीतिक गठबंधन की नई लहर आ रही है? फडणवीस ने दी दिलचस्प प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री फडणवीस की हल्की टिप्पणी
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को राजनीतिक गठबंधनों के बारे में मीडिया में चल रही चर्चाओं पर मजेदार प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के उद्धव ठाकरे, मनसे के राज ठाकरे और एनसीपी के विभिन्न गुटों के बीच संभावित मेलजोल को लेकर सबसे ज्यादा उत्सुकता मीडिया में है।
'बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना' का संदर्भ
एक पुस्तक विमोचन समारोह में जब फडणवीस से ठाकरे और पवार परिवारों के संभावित गठजोड़ के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने व्यंग्य में कहा, "मैं 'बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना' जैसी सोच में विश्वास नहीं रखता।" इस टिप्पणी से उन्होंने स्पष्ट किया कि वह इन राजनीतिक या पारिवारिक गठबंधनों की अटकलों में शामिल नहीं होना चाहते।
राजनीतिक रिश्तों पर टिप्पणी से बचते हैं
फडणवीस ने आगे कहा, "उद्धव और राज ठाकरे भाई हैं और शरद पवार और अजित पवार चाचा-भतीजे हैं। अगर वे आपस में कुछ तय कर लें तो यह अच्छी बात है, लेकिन मीडिया पहले से ही भविष्यवाणियाँ करने में जुटा है। मुझे नहीं पता कि वे आपस में बात कर रहे हैं या नहीं। मैं किसी परिवार के बारे में टिप्पणी करके अपनी परेशानियाँ नहीं बढ़ाना चाहता।"
ठाकरे परिवार में संभावित गठबंधन
शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को स्थानीय निकाय चुनावों से पहले राज ठाकरे के साथ संभावित गठबंधन की चर्चाओं को नया मोड़ दिया। जब पत्रकारों ने इस विषय में सवाल किया, तो उन्होंने सीधे उत्तर देने के बजाय कहा, "महाराष्ट्र की जो इच्छा होगी, वही होगा।" इस रहस्यमय बयान ने दोनों भाइयों के बीच संभावित समझौते की अटकलों को और बढ़ावा दिया।
'सामना' में छपी पुरानी तस्वीर
उद्धव ठाकरे की पार्टी के मुखपत्र 'सामना' ने शनिवार को अपने पहले पृष्ठ पर उद्धव और राज ठाकरे की एक पुरानी तस्वीर प्रकाशित की, जिसे संभावित मेलजोल का प्रतीक माना जा रहा है। इससे पहले ऐसी कोई सार्वजनिक पहल लंबे समय से नहीं देखी गई थी।
राज ठाकरे की रणनीति पर चर्चा
इसी दिन मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य यह जानना था कि पार्टी का आधार और कार्यकर्ता इस संभावित गठबंधन को किस नजरिए से देख रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, राज इस मुद्दे पर संगठन के मूड को भांपकर ही कोई अंतिम निर्णय लेना चाहते हैं।
एनसीपी में भी हलचल
एनसीपी के भीतर भी हलचल कम नहीं है। अजित पवार और शरद पवार के बीच संबंधों में आई खटास के बावजूद अब उनके पुनर्मिलन की अटकलें जोर पकड़ रही हैं। हालांकि, इस विषय में अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.