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क्या माफी मांगने का यह सिलसिला कभी थमेगा? साकेत गोखले का मामला और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की कहानी

तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने पूर्व राजनयिक लक्ष्मी मुर्देश्वर पुरी से माफी मांगकर एक मानहानि का मामला समाप्त किया। यह घटना कांग्रेस नेताओं के विवादास्पद बयानों और बाद में माफी मांगने के पैटर्न को उजागर करती है। राहुल गांधी से लेकर दिग्विजय सिंह तक, कई नेताओं ने बिना सबूत के भड़काऊ आरोप लगाए हैं, लेकिन कानूनी दबाव के बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी है। क्या यह माफी मांगने का सिलसिला कभी थमेगा? जानें इस लेख में।
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क्या माफी मांगने का यह सिलसिला कभी थमेगा? साकेत गोखले का मामला और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की कहानी

साकेत गोखले की माफी से खत्म हुआ मानहानि का मामला

तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने पूर्व राजनयिक लक्ष्मी मुर्देश्वर पुरी से बिना शर्त माफी मांगकर एक लंबे समय से चल रहे मानहानि के मामले को समाप्त कर दिया है। गोखले ने 2021 में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से पुरी द्वारा जिनेवा में एक संपत्ति की खरीद पर सवाल उठाया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें माफी मांगने का आदेश दिया था, जिसके बाद नागरिक हिरासत की चेतावनी दी गई थी। अदालत ने गोखले पर ₹50 लाख का हर्जाना भी लगाया और उन्हें भविष्य में अपमानजनक टिप्पणियों से रोकने का निर्देश दिया। यह मामला केवल एक उदाहरण है कि कैसे विपक्षी नेता अक्सर भड़काऊ आरोप लगाते हैं, लेकिन जब तथ्य सामने आते हैं, तो उन्हें पीछे हटना पड़ता है।


कांग्रेस नेताओं का माफी मांगने का इतिहास

राहुल गांधी से लेकर दिग्विजय तक लंबी है लिस्ट


कांग्रेस के कई नेता, जैसे राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह, अक्सर विवादास्पद बयान देकर मीडिया में चर्चा का विषय बनते हैं, लेकिन कानूनी दबाव बढ़ने पर चुप्पी साध लेते हैं। चाहे वह आरएसएस पर आरोप लगाना हो या सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिकरण करना, ऐसे मामलों में अक्सर उन्हें अदालत में माफी मांगनी पड़ती है।


2014 में राहुल गांधी का विवादित बयान


2014 में राहुल गांधी ने महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया था, जिसके बाद उन्हें यह स्पष्ट करना पड़ा कि उनकी टिप्पणी केवल 'जुड़े' व्यक्तियों के लिए थी।


पीएम मोदी पर आरोप और माफी


2016 में, राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर 'खून की दलाली' का आरोप लगाया और सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिकरण किया। इसके बाद उन्हें सशस्त्र बलों का समर्थन करते हुए स्पष्टीकरण देना पड़ा।


राफेल डील पर माफी


2019 में राफेल डील के दौरान, गांधी ने 'चौकीदार चोर है' का नारा दिया, जिसके लिए उन्हें बिना शर्त माफी मांगनी पड़ी।


अन्य नेताओं की माफी की घटनाएं


मणिशंकर अय्यर, जयराम रमेश और संजय सिंह जैसे नेताओं को भी अपमानजनक बयानों के लिए माफी मांगनी पड़ी है। अय्यर ने पीएम मोदी को 'नीच किस्म का आदमी' कहकर विवाद खड़ा किया था।


जयराम रमेश ने भी एक असत्यापित लेख के आधार पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया, जिसके बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी।


दिग्विजय सिंह ने भी हाल ही में अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने के लिए माफी मांगी।


माफी मांगने का यह सिलसिला कब तक चलेगा?

कब तक जारी रहेगा माफी का पैटर्न?


राहुल गांधी का यह कहना कि 'गांधी माफी नहीं मांगते' अब पुराना हो चुका है। हर नए विवाद के बाद उन्हें अदालत में माफी मांगनी पड़ती है। साकेत गोखले की हालिया माफी इस प्रवृत्ति का एक और उदाहरण है। अब सवाल यह है कि निराधार आरोपों और विलंबित माफी का यह चक्र कब तक जारी रहेगा?