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क्या यूपी के विधायक ने पुलिस को दी धमकी? जानें पूरी कहानी

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में बीजेपी विधायक ज्ञान तिवारी ने पुलिस को धमकी दी है, जिससे एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। यह घटना तब हुई जब एक युवक ने अपनी मजदूरी को लेकर ठेकेदार से मदद मांगी थी। विधायक ने पुलिस चौकी पर जाकर चौकी इंचार्ज और सिपाही को फटकार लगाई और गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। विधायक ने आरोप लगाया कि पुलिस ठेकेदार के साथ मिली हुई थी और पीड़ित युवक की सहायता नहीं कर रही थी। इस मामले में अब पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई का इंतजार है।
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क्या यूपी के विधायक ने पुलिस को दी धमकी? जानें पूरी कहानी

सीतापुर में विधायक का विवादास्पद कदम

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के सेवता विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक ज्ञान तिवारी ने हाल ही में पुलिस को धमकी दी है, जिससे एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। विधायक ने पुलिस चौकी पर जाकर चौकी इंचार्ज और सिपाही को फटकार लगाई और गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। यह घटना तब हुई जब एक युवक ने अपनी मजदूरी को लेकर ठेकेदार से परेशान होकर पुलिस से मदद मांगी थी।


मजदूर की शिकायत पर विधायक की कार्रवाई

मजदूर की शिकायत लेकर पहुंचे विधायक 
सीतापुर की बहादुरगंज पुलिस चौकी में एक युवक ने शिकायत की थी कि उसके ठेकेदार ने उसे 10,000 रुपये की मजदूरी नहीं दी। जब वह बार-बार पैसे मांगने गया, तो ठेकेदार ने उसे धमकी दी कि अगर उसने पैसे नहीं दिए, तो उसके खिलाफ लूट का मुकदमा दर्ज करवा देगा। पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे युवक ने बीजेपी विधायक ज्ञान तिवारी से संपर्क किया।


चौकी इंचार्ज की लापरवाही पर विधायक का गुस्सा

चौकी इंचार्ज ने फोन भी नहीं उठाया 
ज्ञान तिवारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस चौकी का दौरा किया। वहां उन्होंने देखा कि आरोपी ठेकेदार चौकी में आराम कर रहा था, जबकि पुलिस मूकदर्शक बनी हुई थी। विधायक ने सिपाही को चेतावनी दी कि उसे ठेकेदार को चौकी में लिटाने का कोई अधिकार नहीं है और चौकी इंचार्ज को डांटते हुए कहा कि उन्होंने विधायक का फोन तक नहीं उठाया, जो कि गंभीर लापरवाही है।


विधायक की पुलिस और ठेकेदार के खिलाफ शिकायत

विधायक की पुलिस और ठेकेदार के खिलाफ शिकायत
विधायक ने इस मुद्दे पर पुलिस से नाराजगी जताते हुए एसपी अंकुर अग्रवाल को फोन किया और मामले की जानकारी दी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी पीड़ित से पांच हजार रुपये की वसूली कर रहे थे। इसके बाद विधायक ने चेतावनी दी कि यदि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो वह खुद कानूनी कदम उठाएंगे। स्थानीय ग्रामीणों ने भी पुलिस पर वसूली के आरोप लगाए और चौकी में अव्यवस्था की शिकायत की।


पुलिस पर लगाए गए गंभीर आरोप

पुलिस पर लगाए गए आरोप 
विधायक ने आरोप लगाया कि पुलिस ठेकेदार के साथ मिली हुई थी और पीड़ित युवक की सहायता नहीं कर रही थी। इस घटना के बाद, एसपी अंकुर अग्रवाल ने जांच का आश्वासन दिया और कहा कि यदि शिकायतें सही पाई जाती हैं, तो पुलिसकर्मियों और ठेकेदार के खिलाफ अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


कानून व्यवस्था पर विधायक की सख्त राय

सभी पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत
विधायक ने इस दौरान यह भी कहा कि छेड़छाड़ के मामलों में आरोपियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चाहे आरोपी किसी भी धर्म का हो, ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे कानून और व्यवस्था के मामले में कोई ढिलाई नहीं बर्दाश्त करेंगे।


राजनीति और कानून का उल्लंघन

यह घटना पुलिस और स्थानीय नेताओं के बीच बढ़ते विवाद को और गहरा कर सकती है। पुलिस पर लगाए गए आरोपों और विधायक द्वारा दी गई चेतावनियों से यह साफ है कि इस मामले में राजनीति और कानून की सीमा का उल्लंघन किया गया है। अब यह देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन इस पूरे मामले में क्या कदम उठाते हैं।