क्या शिवसेना और MNS का गठबंधन महाराष्ट्र की राजनीति में लाएगा बदलाव?

शिवसेना और MNS का चुनावी गठबंधन
शिवसेना और MNS का गठबंधन: महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है जब शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) आगामी नगर निकाय चुनावों में एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने बताया कि मुंबई, ठाणे, नासिक और कल्याण-डोंबिवली में उद्धव और राज ठाकरे की जोड़ी एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरेगी, जिसका मुख्य उद्देश्य मराठी मतदाताओं का समर्थन प्राप्त करना और सत्ता में वापसी करना है.
मराठी एकता की ताकत पर जोर
राउत ने मीडिया से बातचीत में कहा, "राज और उद्धव ठाकरे की ताकत, मराठी भाषियों की एकता की ताकत है। अब कोई भी शक्ति 'मराठी मानुष' की इस लोहे की मुट्ठी को नहीं तोड़ सकती।" उन्होंने यह भी बताया कि MNS के साथ गठबंधन पर बातचीत चल रही है और दोनों दल सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
भाजपा ने किया दावों का खंडन
इस राजनीतिक घटनाक्रम पर बीजेपी ने संजय राउत के दावों को खारिज कर दिया। बीजेपी विधायक प्रवीण डेरेकर ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि ठाकरे भाइयों के बीच कोई बातचीत हुई है या यह केवल राउत की कल्पना है। उन्होंने उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाया कि पिछले 20 वर्षों में उन्होंने अपने चचेरे भाई राज ठाकरे को कभी याद नहीं किया।
चुनावों में 'मराठी मुद्दा' की याद
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और बीजेपी नेता गिरीश महाजन ने कहा कि शिवसेना (UBT) को 'मराठी' की याद केवल चुनावों के समय आती है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले विधानसभा चुनावों में मराठी मतदाताओं ने बड़े पैमाने पर बीजेपी का समर्थन किया था और अब उन्हें गुमराह करने की कोई कोशिश सफल नहीं होगी.
उद्धव ठाकरे की बातचीत की इच्छा
पिछले महीने उद्धव ठाकरे ने कहा था कि वह अपने चचेरे भाई राज ठाकरे से सीधे संवाद करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यदि कोई चर्चा होनी है तो राज भी पहल कर सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि आगामी स्थानीय चुनावों में महा विकास आघाड़ी (MVA) के तहत चुनाव लड़ने का निर्णय प्रत्येक दल की स्थानीय इकाइयों पर निर्भर करेगा। कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि इस मुद्दे पर निर्णय उनकी स्थानीय नेतृत्व करेगी.
20 साल बाद एक मंच पर आए ठाकरे भाई
एक महत्वपूर्ण क्षण तब आया जब उद्धव और राज ठाकरे लगभग दो दशकों बाद एक साथ मंच पर नजर आए। यह दृश्य 'मराठी विजय रैली' के दौरान सामने आया, जिसमें दोनों नेताओं के परिवारों ने भी आपसी मेलजोल दिखाया। इस दौरान राज ठाकरे ने मंच से कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वह कर दिखाया जो कभी बाल ठाकरे भी नहीं कर पाए, यानी उन्हें और उद्धव को एक मंच पर लाना.