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क्या शेख हसीना के प्रत्यर्पण से भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में आएगी दरार?

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को हाल ही में मौत की सजा सुनाई गई है, जिससे भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव की संभावना बढ़ गई है। बांग्लादेश ने हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है, लेकिन भारत सरकार ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। क्या यह मामला दोनों देशों के बीच संबंधों में दरार पैदा करेगा? जानें इस जटिल मुद्दे के बारे में और अधिक जानकारी।
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क्या शेख हसीना के प्रत्यर्पण से भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में आएगी दरार?

शेख हसीना को मिली मौत की सजा


बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत में शरण मिली है, जबकि बांग्लादेश ने पहले ही उनके प्रत्यर्पण की मांग की है।


नई दिल्ली: हाल ही में बांग्लादेश की अदालत ने शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई है। इस स्थिति में यह सवाल उठता है कि क्या भारत सरकार उन्हें बांग्लादेश को सौंपेगी या फिर इससे दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव आएगा। पिछले कुछ समय से भारत और बांग्लादेश के रिश्ते पहले जैसे मधुर नहीं रहे हैं।


बांग्लादेश के वर्तमान प्रधानमंत्री और उनकी सरकार ने भारत की तुलना में पाकिस्तान के साथ अधिक निकटता स्थापित की है। हाल ही में दिल्ली में हुए बम विस्फोट के बाद पाकिस्तान ने एक युद्धपोत बांग्लादेश के जल क्षेत्र में भेजा था। अब यह देखना होगा कि क्या शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर दोनों देश आमने-सामने आएंगे या कोई अन्य समाधान निकाला जाएगा।


बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री के प्रत्यर्पण की मांग

बांग्लादेशी न्यायालय के निर्णय और अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस द्वारा शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग के बावजूद, यह स्पष्ट है कि भारत सरकार ऐसा नहीं करेगी। भारत हमेशा अपने मित्र देशों के लिए जोखिम उठाता रहा है। बांग्लादेश सरकार ने दिसंबर 2024 में हसीना को सौंपने की मांग की है, लेकिन भारत ने उन्हें सुरक्षित रखा है। इस फैसले के बाद सोमवार को सरकार ने इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। यह ध्यान देने योग्य है कि न्यायालय का निर्णय एकतरफा है, जिसमें हसीना को अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया गया। यह मामला अधिकतर राजनीतिक है, जो भारत के प्रत्यर्पण न करने के निर्णय को मजबूत बनाता है।


भारत-बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि

भारत और बांग्लादेश के बीच 2013 में एक प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके आधार पर बांग्लादेश हसीना को सौंपने की मांग कर रहा है। इस संधि में 2016 में संशोधन किया गया था। इसी संधि के तहत भारत ने 2020 में शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के दो दोषियों को बांग्लादेश भेजा था। संधि में दोनों देशों के बीच अपराधियों के आदान-प्रदान की शर्तें शामिल हैं। हालांकि, किसी अपराधी का प्रत्यर्पण तभी किया जाएगा जब वह अपराध दोनों देशों में मान्यता प्राप्त हो, न्यूनतम एक वर्ष की सजा दी गई हो और आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट हो।


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