क्या है ट्रंप का 50% टैरिफ? जानें विपक्षी नेताओं की तीखी प्रतिक्रियाएं

ट्रंप का टैरिफ और विपक्ष की प्रतिक्रिया
ट्रंप का 50% टैरिफ: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने के बाद, विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इससे कुल शुल्क 50% तक पहुंच गया है, जिससे भारतीय व्यापार और कूटनीतिक हितों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका जताई जा रही है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना सहित कई विपक्षी नेताओं ने इसे 'आर्थिक ब्लैकमेल' और 'कूटनीतिक विफलता' करार दिया है और केंद्र सरकार से ठोस प्रतिक्रिया की मांग की है। राहुल गांधी ने इसे 'आर्थिक दबाव' का एक तरीका बताया और प्रधानमंत्री मोदी से भारतीय हितों की रक्षा करने की अपील की। इस मुद्दे ने विपक्ष में एकता का उदाहरण पेश किया है, जहां सभी दलों ने मिलकर सरकार की आलोचना की है।
राहुल गांधी की कड़ी निंदा
राहुल गांधी का आरोप: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्रंप के इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए इसे 'आर्थिक ब्लैकमेल' बताया। उन्होंने कहा, 'ट्रंप का 50% टैरिफ भारत को अनुचित व्यापार समझौते के लिए धमकाने का प्रयास है।' राहुल ने मोदी को चेतावनी दी कि वे अपनी कमजोरी को भारतीय लोगों के हितों पर हावी न होने दें। यह बयान राहुल की उस पूर्व टिप्पणी के विपरीत था, जिसमें उन्होंने मोदी पर भारतीय अर्थव्यवस्था को 'नष्ट करने' का आरोप लगाया था।
शशि थरूर की तीखी प्रतिक्रिया
शशि थरूर की आलोचना: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्रंप के कदम पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने भारत सरकार से अपील की कि अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाकर इसका जवाब दिया जाए। थरूर ने कहा, 'अगर हर चीज 50% महंगी हो जाएगी, तो भारतीय उपभोक्ता क्यों अमेरिकी चीजें खरीदें? हमें भी अमेरिकी निर्यात पर 50% टैरिफ लगाना चाहिए।' उन्होंने सवाल किया कि भारत को अमेरिकी वस्तुओं पर मौजूदा 17% टैरिफ क्यों जारी रखना चाहिए।
अभिषेक बनर्जी का सवाल
अभिषेक बनर्जी का आरोप: तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने मोदी की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह टैरिफ वृद्धि 'कूटनीतिक विफलता' है। कोलकाता में उन्होंने कहा, 'जो लोग ट्रंप के साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं, उन्हें यह बताना चाहिए कि इतनी भारी टैरिफ क्यों लगाई गई है।' बनर्जी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह 'भारत की वैश्विक ताकत का बखान करती है, जबकि आर्थिक हितों की रक्षा करने में विफल रहती है।'
अन्य नेताओं की प्रतिक्रियाएं
सिद्धारमैया और प्रियंका चतुर्वेदी: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस टैरिफ को 'आर्थिक ब्लैकमेल' करार दिया और कहा कि यह मोदी सरकार की 'कूटनीतिक विफलता' का परिणाम है। वहीं, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे 'पाखंड' कहा और कहा कि भारत को व्यापार समझौते के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
कार्ति चिदंबरम और पप्पू यादव: कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने मोदी सरकार के ट्रंप के साथ 'विशेष संबंध' के दावों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, 'भारत और ट्रंप के बीच जो विशेष संबंध का दावा किया गया था, वह वास्तव में मौजूद नहीं है।' निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि 50% टैरिफ से भारत का दवा उद्योग बर्बाद हो जाएगा.
ओवैसी और उद्धव ठाकरे: एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्रंप के इस कदम को 'धमकी' करार दिया और मोदी सरकार पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया। वहीं, शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने कहा कि ट्रंप 'भारत और नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ा रहे हैं', और प्रधानमंत्री मोदी को इसका कड़ा जवाब देने में विफल बताया।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
भारत सरकार की प्रतिक्रिया: इस बीच, भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी निर्णय को 'अनुचित, अविवेकपूर्ण और नाइंसाफी' करार दिया है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा।