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क्रिकेट जगत में शोक: ट्रेन में विक्रम सिंह की दुखद मौत

पंजाब के विक्रम सिंह की ट्रेन में दुखद मौत ने क्रिकेट जगत को हिला दिया है। वह ग्वालियर में नेशनल व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए यात्रा कर रहे थे, जब उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई। समय पर चिकित्सा सहायता न मिलने के कारण उन्होंने ट्रेन में ही दम तोड़ दिया। इस घटना ने सभी को गहरा सदमा दिया है। जानें इस दुखद घटना के बारे में और खिलाड़ियों की प्रतिक्रियाएं।
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क्रिकेट जगत में शोक: ट्रेन में विक्रम सिंह की दुखद मौत

क्रिकेट की दुनिया में शोक का माहौल

क्रिकेट जगत में शोक: ट्रेन में विक्रम सिंह की दुखद मौत

क्रिकेटर: हाल ही में एक प्रमुख क्रिकेट लीग का समापन हुआ, जिसमें बेंगलुरु ने शानदार जीत दर्ज की। लेकिन इस खुशी के बीच एक दुखद समाचार ने क्रिकेट जगत को हिला दिया।

एक भारतीय क्रिकेटर ने ट्रेन में तड़पते हुए अपनी जान गंवा दी। भारत में क्रिकेट के प्रति जोश के बावजूद, इस घटना ने सभी को गहरा सदमा दिया है। आइए जानते हैं कि यह क्रिकेटर कौन था और कैसे यह हादसा हुआ।


विक्रम सिंह की दुखद कहानी

ट्रेन में विक्रम सिंह का निधन

क्रिकेट जगत में शोक: ट्रेन में विक्रम सिंह की दुखद मौत

पंजाब के विक्रम सिंह ने ट्रेन में ही अपनी जान गंवा दी। वह मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आयोजित होने वाले नेशनल व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए जा रहे थे। यात्रा के दौरान उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई और समय पर चिकित्सा सहायता न मिलने के कारण उन्होंने ट्रेन में ही दम तोड़ दिया। उनकी मौत 4 जून को हुई, जब वह दिल्ली के निजामुद्दीन स्टेशन से यात्रा कर रहे थे।


मौत का कारण और प्रतिक्रिया

कैसे हुई विक्रम सिंह की मौत

रिपोर्टों के अनुसार, विक्रम की तबियत ट्रेन के अझाई स्टेशन पर पहुंचने से पहले ही खराब हो गई थी। रेलवे से मदद मांगी गई, लेकिन सहायता में देरी हुई। रेलवे ने कहा कि मदद मथुरा स्टेशन पर मिलेगी, लेकिन मथुरा पहुंचने से पहले ही ट्रेन कई घंटों तक रुकी रही। समय पर उपचार न मिलने के कारण विक्रम ने ट्रेन में ही अपनी जान गंवा दी।

कप्तान की प्रतिक्रिया

विक्रम सिंह पंजाब के पिहड़ी गांव के निवासी थे। उनकी मौत पर इंडियन व्हीलचेयर क्रिकेट के कप्तान सोमजीत सिंह ने गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने विक्रम के साथ की तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि विक्रम की ट्रेन यात्रा के दौरान मृत्यु हो गई। मेडिकल इमरजेंसी की सूचना सुबह 4:41 बजे दी गई, लेकिन ट्रेन को मथुरा जंक्शन पहुंचने से पहले 1.5 घंटे तक रोका गया। जब तक मदद पहुंची, तब तक विक्रम की मौत हो चुकी थी।