खट्टर ने उपराष्ट्रपति या BJP अध्यक्ष बनने पर दिया कूटनीतिक जवाब

खट्टर का कूटनीतिक उत्तर
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में एक टीवी चैनल पर चर्चा के दौरान उपराष्ट्रपति बनने या भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के सवाल पर कूटनीतिक तरीके से उत्तर दिया। उन्होंने कहा, "मैं किसी भी भूमिका का चयन नहीं करता। जो भी जिम्मेदारी मुझे दी जाती है, मैं उसे निभाने के लिए तैयार रहता हूं।" इस संदर्भ में उन्होंने अपने अतीत का एक अनुभव साझा किया।
RSS में प्रारंभिक अनुभव
RSS के प्रचारक के रूप में पहली जिम्मेदारी
खट्टर ने अपने प्रारंभिक दिनों को याद करते हुए बताया कि जब वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रचारक थे, तब उन्हें 1980 में फरीदाबाद में पहली जिम्मेदारी मिली। उन्होंने कहा, "1981 में जिला प्रचारक मुझसे मिलने आए और दो दिन की बैठक के बाद उन्होंने मुझे बताया कि मेरा तबादला रोहतक हो गया है। मैंने बस 'ठीक है' कहा।" उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें कभी यह नहीं सोचना चाहिए कि कोई काम बड़ा या छोटा है।
जगदीप धनखड़ का इस्तीफा
जगदीप धनखड़ का अचानक इस्तीफा
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार कर BJP को नाराज कर दिया। खट्टर ने इस पर कहा, "उन्होंने बिना सरकार पर भरोसा किए विपक्ष का प्रस्ताव स्वीकार किया। यह सरकार की रणनीति थी।"
BJP अध्यक्ष पद की चुनौतियाँ
BJP अध्यक्ष पद की चुनौती
BJP के वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा को पिछले साल जून में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बनाए जाने के बाद नए अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी। सही उम्मीदवार का चयन करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, क्योंकि पार्टी को जातिगत संतुलन और उत्तर-दक्षिण भाषाई विवाद को ध्यान में रखना होगा। खट्टर, जो उत्तर प्रदेश से नहीं हैं, लेकिन RSS के संगठनात्मक मूल्यों को समझने के कारण इस पद के लिए उपयुक्त माने जा सकते हैं।