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खड़गे की जुबानी चूक पर भाजपा का तीखा हमला

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की एक जनसभा में जुबानी चूक ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का नाम गलत बताया और पूर्व राष्ट्रपति को कोविड कह दिया। भाजपा ने इसे कांग्रेस की आदिवासी विरोधी मानसिकता का उदाहरण बताया। इस विवाद पर कांग्रेस की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जबकि पार्टी समर्थकों ने इसे मानव त्रुटि करार दिया है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ।
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खड़गे की जुबानी चूक पर भाजपा का तीखा हमला

खड़गे की भाषण में गलती

खड़गे की भाषण में गलती: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की एक महत्वपूर्ण भाषण के दौरान हुई गलती ने चर्चा का विषय बना दिया है। एक जनसभा में खड़गे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का नाम 'मुरमा जी' कहकर पुकारा और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का नाम 'कोविड' बोल दिया। भाजपा ने इस गलती को लेकर खड़गे और कांग्रेस पर तीखा हमला किया है।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह जनसभा रायपुर के साइंस ग्राउंड में आयोजित की गई थी, जहां खड़गे ने छत्तीसगढ़ के जंगलों में पेड़ों की कटाई और कथित भूमि कब्जे के मुद्दे पर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "मुर्मा जी को राष्ट्रपति बनाया..." लेकिन तुरंत ही अपनी गलती सुधारते हुए कहा, "मुर्मू जी को..."। हालांकि, कुछ सेकंड बाद उन्होंने फिर से गलती की और कहा, "पहले तो कोविड जी को राष्ट्रपति बनाया..." और फिर खुद ही इसे 'कोविंद जी' से सही किया।


सोशल मीडिया पर वायरल

सोशल मीडिया पर वायरल: यह भाषण तुरंत सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। भाजपा नेताओं ने इस गलती को कांग्रेस की "आदिवासी विरोधी मानसिकता" का उदाहरण बताया। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, "यह गलती नहीं, यह सोच है। कांग्रेस को न तो आदिवासी नेताओं का सम्मान करना आता है और न ही उनके नाम सही से लेना।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा से आदिवासी और दलित वर्ग के नेताओं के योगदान को कम आंकती रही है।


राजनीतिक दुर्भावना का आरोप

राजनीतिक दुर्भावना का आरोप: कांग्रेस ने इस विवाद पर अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन पार्टी समर्थकों ने सोशल मीडिया पर खड़गे की गलती को "मानव त्रुटि" बताते हुए उनका बचाव किया है। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि भाषण के दौरान ऐसी गलतियाँ होना स्वाभाविक है और इसे मुद्दा बनाना राजनीतिक दुर्भावना का उदाहरण है।


कटाई के खिलाफ अभियान

कटाई के खिलाफ अभियान: यह विवाद उस समय सामने आया है जब कांग्रेस छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार पर आदिवासियों के अधिकारों की अनदेखी और जंगलों की कटाई के खिलाफ जनजागरण अभियान चला रही है। खड़गे का यह भाषण भी इसी अभियान का हिस्सा था।