गहलोत ने भागवत के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। गहलोत ने सवाल उठाया कि क्या भागवत देश में एक बार फिर राम जन्मभूमि आंदोलन जैसी स्थिति उत्पन्न करना चाहते हैं। उन्होंने भागवत के बयान को लेकर चिंता जताई कि इससे देश में उथल-पुथल हो सकती है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और गहलोत की प्रतिक्रिया।
Sep 6, 2025, 15:45 IST
| गहलोत की चिंताएँ
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। गहलोत ने यह सवाल उठाया कि क्या भागवत देश में एक बार फिर राम जन्मभूमि आंदोलन जैसी स्थिति उत्पन्न करना चाहते हैं। यह विवाद भागवत के उस बयान से शुरू हुआ जिसमें उन्होंने काशी और मथुरा के मंदिरों के आंदोलनों पर अपनी राय व्यक्त की थी।आरएसएस प्रमुख ने 28 अगस्त 2025 को दिल्ली में संघ के शताब्दी समारोह के दौरान कहा था कि संगठन काशी और मथुरा आंदोलनों का आधिकारिक समर्थन नहीं करेगा, लेकिन संघ के स्वयंसेवक व्यक्तिगत रूप से इनमें भाग ले सकते हैं। भागवत ने यह भी कहा कि अयोध्या, काशी और मथुरा हिंदुओं की आस्था के केंद्र हैं और मुस्लिम समुदाय को भाईचारे की भावना से इन्हें हिंदुओं को सौंप देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हर जगह मंदिर या शिवलिंग खोजने की प्रवृत्ति उचित नहीं है।
गहलोत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान देश ने बड़े पैमाने पर उथल-पुथल और हिंसा देखी थी। यदि काशी और मथुरा को लेकर ऐसी ही स्थिति उत्पन्न की गई, तो देश का भविष्य अनिश्चित हो जाएगा। उन्होंने भागवत से स्पष्टता मांगी और पूछा कि इस तरह का बड़ा बयान देने का उनका उद्देश्य क्या है।
इससे पहले, जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने आरएसएस के बारे में सकारात्मक टिप्पणी की थी, जिसे गहलोत ने सराहा और इसे एक अच्छी पहल बताया। लेकिन भागवत के बयानों पर उन्होंने कड़ी आलोचना की और कहा कि इस तरह की टिप्पणियाँ अनावश्यक विवादों को जन्म देती हैं।