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ग़ज़ाला हाशमी बनीं वर्जीनिया की पहली भारतीय-अमेरिकी लेफ्टिनेंट गवर्नर

ग़ज़ाला हाशमी ने वर्जीनिया में लेफ्टिनेंट गवर्नर का पद जीतकर एक नया इतिहास रच दिया है। वे पहली भारतीय-अमेरिकी और पहली मुस्लिम महिला हैं जो इस पद पर पहुंची हैं। जानें उनके राजनीतिक सफर, सीनेट में उनके कार्य और महिलाओं के अधिकारों के लिए उनकी प्रतिबद्धता के बारे में। उनकी जीत के बाद, वर्जीनिया की राजनीति में क्या बदलाव आएंगे, यह जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
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ग़ज़ाला हाशमी बनीं वर्जीनिया की पहली भारतीय-अमेरिकी लेफ्टिनेंट गवर्नर

ग़ज़ाला हाशमी की ऐतिहासिक जीत

वर्जीनिया, अमेरिका में भारतीय मूल की डेमोक्रेट नेता ग़ज़ाला हाशमी ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने हाल ही में हुए चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार जॉन रीड को हराकर लेफ्टिनेंट गवर्नर का पद जीता। इस जीत के साथ, ग़ज़ाला हाशमी वर्जीनिया में इस पद पर पहुंचने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी और पहली मुस्लिम महिला बन गई हैं।


राजनीतिक सफर और उपलब्धियाँ

जानकारी के अनुसार, ग़ज़ाला हाशमी ने जून में डेमोक्रेटिक प्राइमरी में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच नामांकन प्राप्त किया था। वे पहले एक कॉलेज प्रोफेसर रह चुकी हैं और शिक्षा क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव है। लेफ्टिनेंट गवर्नर बनने के बाद, वे वर्जीनिया की राज्य सीनेट की अध्यक्षता करेंगी, जहाँ डेमोक्रेट्स का मामूली 21-19 का बहुमत है। इस स्थिति में, किसी मुद्दे पर टाई होने पर उनका वोट निर्णायक होगा।


सीनेट सीट और अन्य चुनावी परिणाम

ग़ज़ाला हाशमी की जीत के बाद उनकी सीनेट सीट खाली हो जाएगी, जिसे एक विशेष चुनाव के माध्यम से भरा जाएगा। इसी चुनाव में पूर्व सांसद एबिगेल स्पैनबर्गर ने वर्तमान लेफ्टिनेंट गवर्नर विन्सोम अर्ल-सीअर्स को हराकर महत्वपूर्ण जीत हासिल की। स्पैनबर्गर को ट्रंप का समर्थन नहीं मिला और धन जुटाने में भी वे आगे नहीं निकल पाईं।


व्यक्तिगत पृष्ठभूमि

ग़ज़ाला हाशमी का जन्म भारत के हैदराबाद में हुआ था, और वे चार साल की उम्र में अपने परिवार के साथ अमेरिका चली गई थीं। उन्होंने अमेरिकी साहित्य में पीएचडी की है और यूनिवर्सिटी ऑफ़ रिचमंड सहित कई संस्थानों में पढ़ाया है। 2019 में, उन्होंने राजनीति में कदम रखा और रिपब्लिकन उम्मीदवार ग्लेन स्टरटेवन्ट को हराकर पहली बार वर्जीनिया सीनेट में पहुंचीं।


महिलाओं के अधिकारों पर काम

सीनेट में रहते हुए, ग़ज़ाला हाशमी ने महिलाओं के प्रजनन अधिकारों के मुद्दों पर महत्वपूर्ण कार्य किया और गर्भनिरोधक साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक विधेयक पेश किया। हालांकि, यह विधेयक राज्यपाल ग्लेन यंगकिन द्वारा वीटो कर दिया गया था। ग़ज़ाला हाशमी ने सामाजिक न्याय और समान अवसरों के मुद्दों पर लगातार अपनी आवाज़ उठाई है, और अब उनकी नई भूमिका में उनसे बड़ी उम्मीदें हैं।