गिरिराज सिंह का झारखंड दौरा: हेमंत सोरेन और लालू यादव पर तीखा हमला

गिरिराज सिंह का बयान
गिरिराज सिंह: केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने रविवार को जमशेदपुर में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर कड़ी टिप्पणी की। विभिन्न निजी कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए गिरिराज ने हेमंत सोरेन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि झारखंड में बांग्लादेशी मुसलमानों को विशेष सम्मान दिया जा रहा है। गिरिराज ने यह भी कहा कि हेमंत सोरेन झारखंड को बंगाल में बदलने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि ममता बनर्जी बंगाल को बांग्लादेश में तब्दील कर रही हैं।
झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ
गिरिराज ने यह भी कहा कि झारखंड अब एक 'वोट बैंक राज्य' बन गया है, जहां बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए 'लाल कालीन' बिछाई जा रही है। उन्होंने 'जमाई टोला' का उल्लेख करते हुए जनता से सवाल किया कि ये बस्तियां कहां से आईं और इसके खिलाफ गुस्सा दिखाने की अपील की। गिरिराज ने चेतावनी दी कि हेमंत की यह नीति झारखंड के निवासियों के लिए समस्याएं उत्पन्न करेगी और उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे।
जमाई टोला का संदर्भ
“जमाई टोला” उन बस्तियों को संदर्भित करता है जो संथाल परगना और कोल्हान जैसे क्षेत्रों में हैं, जहां बांग्लादेशी घुसपैठिए कथित तौर पर आदिवासी महिलाओं से विवाह कर बस गए हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इन टोलों में मुस्लिम पुरुषों की संख्या बढ़ रही है और वे आदिवासियों की भूमि पर कब्जा कर रहे हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, संथाल परगना में मुस्लिम आबादी 32% थी, जिसे भाजपा घुसपैठ से जोड़ती है।
मुस्लिम आबादी में वृद्धि
झारखंड के संथाल परगना में मुस्लिम आबादी में वृद्धि और आदिवासियों की भूमि पर कब्जे का मुद्दा विवादास्पद बना हुआ है। 1951 की जनगणना में यहां मुस्लिम आबादी 9.43% थी, जो 2011 में बढ़कर 22.73% हो गई, जबकि आदिवासी आबादी 44.67% से घटकर 28.11% हो गई। केंद्र सरकार और भाजपा नेताओं का कहना है कि बांग्लादेशी घुसपैठिए आदिवासी महिलाओं से विवाह कर उनकी भूमि हड़प रहे हैं।
घुसपैठ और धर्मांतरण
संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम, 1949 के तहत गैर आदिवासी दामादों को घर-जमाई प्रथा के कारण भूमि मिल सकती है। झारखंड हाईकोर्ट में दायर याचिका में घुसपैठ, धर्मांतरण और मदरसों की स्थापना को जनसंख्या वृद्धि का कारण बताया गया है। गिरिराज सिंह का बयान भाजपा की रणनीति का हिस्सा है, जो ध्रुवीकरण के माध्यम से वोट बैंक को मजबूत करना चाहती है। हालांकि, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
झामुमो की प्रतिक्रिया
झामुमो ने गिरिराज सिंह पर हमला करते हुए कहा कि यह आदिवासी पहचान को कमजोर करने का प्रयास है। झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि गिरिराज सिंह की सांप्रदायिक बयानबाजी झारखंड की गंगा-जमुनी संस्कृति को नुकसान पहुंचा रही है। घुसपैठ केंद्र सरकार की सीमा सुरक्षा की विफलता का परिणाम है। हालांकि, झामुमो इसे राजनीतिक साजिश बताकर खारिज करता रहा है, लेकिन जनसांख्यिकी में बदलाव चिंता का विषय बना हुआ है।