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गुजरात कांग्रेस महासचिव राजेश सोनी की गिरफ्तारी: ऑपरेशन सिंदूर विवाद

गुजरात कांग्रेस महासचिव राजेश सोनी को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर ऑपरेशन सिंदूर के संबंध में भ्रामक जानकारी साझा की, जिससे सेना का मनोबल प्रभावित हुआ। पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। जानें इस गिरफ्तारी के पीछे की पूरी कहानी और क्या हैं आरोप।
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गुजरात कांग्रेस महासचिव राजेश सोनी की गिरफ्तारी: ऑपरेशन सिंदूर विवाद

राजेश सोनी की गिरफ्तारी का कारण

गुजरात में कांग्रेस के महासचिव राजेश सोनी को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार, उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। सोनी को गुरुवार को FIR के बाद अपराध जांच विभाग की साइबर अपराध शाखा ने सुबह-सुबह हिरासत में लिया।


सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट का आरोप

सोनी पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर ऑपरेशन सिंदूर के संबंध में भ्रामक जानकारी साझा की, जिससे सेना का मनोबल प्रभावित हुआ। उन्होंने भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाए थे, जो 7 से 10 मई के बीच हुआ था।


गंभीर धाराओं में मामला दर्ज

पुलिस ने बताया कि सोनी पर आरोप है कि उन्होंने फेसबुक पर भ्रामक पोस्ट डालकर सेना का मनोबल गिराया और भारत की संप्रभुता को खतरे में डाला। इसी कारण उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 152 और 353(1)(ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है।


सोशल मीडिया पोस्ट की सामग्री

FIR में सोनी के दो फेसबुक पोस्ट का उल्लेख किया गया है। एक पोस्ट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फाइटर जेट पायलट की वर्दी में तस्वीर साझा की थी, जिसमें लिखा था कि सैनिकों को कोई श्रेय नहीं मिलेगा। एक अन्य पोस्ट में उन्होंने यह भड़काने की कोशिश की कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत सरकार ने आत्मसमर्पण कर दिया था।


कानूनी धाराएं और सजा

बीएनएस की धारा 353 (1)(ए) उन लोगों पर लागू होती है जो जानबूझकर झूठी जानकारी या अफवाह फैलाते हैं, जिससे अधिकारियों या सैनिकों का मनोबल टूटता है। इस धारा के तहत अधिकतम सजा उम्रकैद से लेकर सात साल तक हो सकती है, साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है।