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गुजरात की साबरमती जेल में आतंकी आरोपी पर हमला, जांच शुरू

गुजरात की साबरमती जेल में मंगलवार को आतंकी आरोपी अहमद सईद पर तीन सह-कैदियों ने हमला किया। इस घटना में अहमद को गंभीर चोटें आई हैं। जेल प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए गुजरात एटीएस को बुलाया और आरोपी कैदियों से पूछताछ शुरू की। राज्य के डीजीपी ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं, जिसमें पिछले 30 वर्षों में राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल सभी संदिग्धों की जांच करने का आदेश दिया गया है। यह घटना सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चेतावनी है।
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गुजरात की साबरमती जेल में आतंकी आरोपी पर हमला, जांच शुरू

साबरमती जेल में हमले की घटना


अहमदाबाद: मंगलवार की सुबह गुजरात के साबरमती सेंट्रल जेल में एक गंभीर घटना हुई, जहां आतंकी आरोपी अहमद सईद पर तीन अन्य कैदियों ने हमला किया। यह घटना सुबह लगभग 7 बजे हुई, जब अहमद को एक दिन पहले ही जेल में स्थानांतरित किया गया था। हमले में उसकी आंख के पास गंभीर चोटें आईं, और उसके चेहरे तथा शरीर के अन्य हिस्सों पर भी गहरे निशान मिले हैं।


हमलावरों की पहचान

हमले में शामिल व्यक्तियों की पहचान अनिल खुमान, शिवम वर्मा और अंकित लोधी के रूप में हुई है। अनिल खुमान हत्या के मामले में अंडरट्रायल है, शिवम वर्मा भी हत्या के आरोप में है, जबकि अंकित लोधी पॉक्सो मामले में बंद है। प्रारंभिक जांच में यह संदेह जताया गया है कि हमलावरों ने अंगूठी या किसी कठोर वस्तु का उपयोग किया होगा।


जेल प्रशासन की कार्रवाई

हमले के बाद जेल प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और गुजरात एटीएस को बुलाया गया। अहमद सईद को इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे फिर से जेल में भेज दिया गया। रानिप पुलिस स्टेशन में इस घटना की औपचारिक शिकायत दर्ज की गई है और जेल अधिकारी सभी आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं।


गुजरात पुलिस की जांच प्रक्रिया

घटना के बाद, राज्य के डीजीपी विकास सहाय ने सुरक्षा व्यवस्था पर महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि गुजरात पुलिस पिछले 30 वर्षों से राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल सभी संदिग्धों और आरोपियों की गहन जांच कर रही है। सभी पुलिस थानों को निर्देश दिया गया है कि वे अगले 100 घंटों में यह प्रक्रिया पूरी करें।


यह कदम हाल की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। 8 नवंबर को गुजरात एटीएस ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी कर कई राष्ट्र-विरोधी तत्वों को पकड़ा था। इसके अगले दिन फरीदाबाद में भी ऐसे तत्वों पर कार्रवाई की गई थी। इन घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।


डीजीपी का निर्देश

डीजीपी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि पिछले तीन दशकों में जिन व्यक्तियों पर देश-विरोधी गतिविधियों के आरोप लगे हैं, उनकी सूची को अपडेट किया जाए और उनकी विस्तृत जांच की जाए।


साबरमती जेल में हुए इस हमले ने सुरक्षा व्यवस्था और जेल प्रबंधन पर सवाल उठाए हैं। साथ ही, आतंकवाद से जुड़े मामलों में गुजरात पुलिस की सख्ती और सतर्कता एक बार फिर से उजागर हुई है।