गुजरात में किसानों के हक के लिए केजरीवाल का जोरदार समर्थन: क्या भाजपा फिर से करेगी गलती?

गुजरात में किसान आंदोलन पर केजरीवाल का बयान
गुजरात में किसान आंदोलन: आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुजरात सरकार पर किसानों की आवाज़ को दबाने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने पार्टी के दो नेताओं, प्रवीण राम और राजू करपड़ा, की गिरफ्तारी को लोकतंत्र पर हमला बताया। ये नेता किसानों के समर्थन में आंदोलन के दौरान गिरफ्तार हुए थे। केजरीवाल ने कहा कि किसानों के हक की बात करने पर उन्हें जेल में डालना दमन का प्रतीक है।
करदा प्रथा के खिलाफ किसानों की आवाज़
केजरीवाल ने एक वीडियो संदेश में बताया कि गुजरात के किसान लंबे समय से 'करदा प्रथा' के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। इस प्रथा के तहत, जब किसान अपनी फसल मंडी में लाते हैं, व्यापारी पहले एक दाम तय करते हैं, जैसे ₹1400 प्रति क्विंटल। लेकिन बाद में व्यापारी फसल का कुछ हिस्सा खरीदने के बाद उसे 'खराब' बताकर कम दाम पर खरीदता है। यह तरीका किसानों के साथ धोखा और शोषण का माध्यम बन गया है। केजरीवाल ने इसे अन्यायपूर्ण बताया और कहा कि किसानों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य मिलना चाहिए।
सरकारी मंडियों में फसल की पूरी खरीद की मांग
किसानों की एक और मांग है कि जब वे अपनी फसल सरकारी APMC मंडी में लाते हैं, तो व्यापारी वहीं पर पूरी फसल खरीदें। वर्तमान में व्यापारी किसानों से फसल को अपनी फैक्ट्री या गोदाम तक पहुंचाने की मांग करते हैं, जो कई किलोमीटर दूर होते हैं। इससे किसानों पर अतिरिक्त परिवहन लागत का बोझ पड़ता है। किसान चाहते हैं कि खरीद का सारा काम मंडी में ही पूरा हो और व्यापारी फसल की ढुलाई खुद करें।
12 अक्टूबर की महापंचायत पर पुलिस कार्रवाई
बोटाद जिले के हड़दड़ गांव में 12 अक्टूबर को किसानों की इन मांगों को लेकर महापंचायत आयोजित की गई थी। लेकिन इस शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे। इसके अलावा, 85 किसानों पर एफआईआर दर्ज की गई, जिनमें कई पर हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराएं (धारा 307) लगाई गईं। केजरीवाल ने इसे तानाशाही करार देते हुए कहा कि यह लोकतंत्र में असहनीय है।
भाजपा का पतन कांग्रेस की तरह होगा?
केजरीवाल ने 1985 का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय गुजरात में कांग्रेस ने 182 में से 149 सीटें जीती थीं, लेकिन सत्ता के घमंड में उसने किसानों के आंदोलन को दबाने की कोशिश की। इसके परिणामस्वरूप, अगले चुनाव में जनता ने कांग्रेस को उखाड़ फेंका। उन्होंने चेतावनी दी कि आज भाजपा भी वही गलती कर रही है, और यदि उसने किसानों की आवाज नहीं सुनी, तो जनता 30 साल पुरानी भाजपा सरकार को भी उखाड़ फेंकेगी।
AAP किसानों के साथ खड़ी है
केजरीवाल ने स्पष्ट किया कि आम आदमी पार्टी हर स्थिति में किसानों के साथ खड़ी रहेगी। उन्होंने भाजपा सरकार से मांग की कि किसानों पर दर्ज सभी केस तुरंत वापस लिए जाएं। यदि केस करने हैं, तो AAP के नेताओं पर कीजिए, वे मुकदमे लड़ने को तैयार हैं। लेकिन निर्दोष किसानों को कानूनी परेशानियों में न डाला जाए।
किसानों से एकजुट होने की अपील
अपने संदेश के अंत में केजरीवाल ने गुजरात के सभी किसानों से अपील की कि वे एकजुट होकर सड़क पर उतरें और अपनी जायज मांगों के लिए संघर्ष करें। उन्होंने कहा कि आज जिन 85 किसानों को झूठे केस में फंसाया गया है, कल कोई और किसान इसका शिकार हो सकता है। उन्होंने किसानों को चेताया कि अगर अब भी वे चुप रहे, तो शोषण और दमन का यह सिलसिला नहीं रुकेगा।
अहंकार का अंत
केजरीवाल ने भाजपा सरकार को अहंकार छोड़ने की सलाह देते हुए कहा कि सत्ता का घमंड कभी नहीं टिकता। उन्होंने कहा कि गरीब किसानों की आह बहुत भारी होती है और अगर सरकार ने अब भी चेतना नहीं ली, तो वह भी इतिहास के पन्नों में उसी तरह गिरेगी जैसे घमंड में चूर शक्तिशाली शासन गिरा करते हैं।