गुजरात में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत: अमूल डेयरी में पहली बार स्पष्ट बहुमत
गुजरात की राजनीति में बदलाव
गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अमूल डेयरी के तहत कैरा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ में पहली बार स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। यह राजनीतिक बदलाव केवल चुनावी नतीजों का परिणाम नहीं है, बल्कि राज्य के लाखों डेयरी किसानों के लिए नई संभावनाओं और चुनौतियों का संकेत भी है।10 सितंबर को हुए चुनाव में, भाजपा ने 13 में से 11 सीटें जीतीं, जिसमें छह ब्लॉक स्तर की सीटें और एक व्यक्तिगत सदस्य की सीट शामिल है। खास बात यह है कि चार सीटों पर मतदान से पहले ही भाजपा के उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए थे।
इस जीत के साथ, भाजपा ने अमूल डेयरी के इतिहास में पहली बार पूर्ण बहुमत प्राप्त किया है, जबकि कांग्रेस केवल दो सीटों—बोरसाद और कपड़वंज—पर सिमट गई।
भाजपा की इस जीत का मतलब किसानों के हितों से जुड़ी नीतियों में संभावित बदलाव है। अमूल डेयरी जैसे संस्थानों में, जो सीधे किसानों से जुड़े होते हैं, अब भाजपा की नीति निर्धारण में सीधी भागीदारी होगी।
पार्टी का दावा है कि पिछले पांच वर्षों में डेयरी क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों का यह परिणाम है। अब किसानों को दूध के मूल्य, वितरण और प्रशिक्षण जैसी सुविधाओं में सुधार की उम्मीद है।
पिछले चुनावों के मुकाबले इस बार परिणाम पूरी तरह से बदल गए हैं। 2020 के चुनावों में कांग्रेस ने 11 में से आठ सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार भाजपा का सहकारी समितियों पर नियंत्रण बढ़ता जा रहा है।
चुनावों में जीत का अंतर भी महत्वपूर्ण रहा। अहमदसरा, बालासिनोर, मेहमदाबाद और वीरपुर जैसे क्षेत्रों में भाजपा के प्रत्याशी निर्विरोध विजयी हुए। वहीं खंभात में राजेंद्रसिंह परमार ने 65 वोटों से जीत दर्ज की।
कांग्रेस की दोनों जीत मामूली अंतर से हुईं—बोरसाद में केवल 12 वोट और कपड़वंज में 11 वोटों का फासला रहा।
कांग्रेस नेता राजेंद्रसिंह परमार ने भाजपा पर सरकारी तंत्र और कथित "अनैतिक तरीकों" का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। निर्दलीय उम्मीदवार केसरीसिंह सोलंकी को केवल 18 वोट मिले। भाजपा में शामिल हुए पूर्व कांग्रेस नेताओं ने अपनी सीटें बरकरार रखीं, जो पार्टी के लिए रणनीतिक बढ़त का संकेत है।