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गुरुग्राम में टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या: विवाह विवाद का सच

गुरुग्राम में राष्ट्रीय स्तर की टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। यह घटना एक गंभीर विवाह विवाद के कारण हुई, जिसमें राधिका के पिता ने उस पर गोलियां चलाईं। इस मामले में पुलिस की जांच जारी है, और परिवार की ओर से मिली जानकारी में कई विरोधाभास हैं। जानें इस दुखद घटना के पीछे की सच्चाई और इसके सामाजिक प्रभाव।
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गुरुग्राम में टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या: विवाह विवाद का सच

राधिका यादव हत्या: विवाह विवाद की कहानी

गुरुग्राम में राधिका यादव की हत्या ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। एक राष्ट्रीय स्तर की टेनिस खिलाड़ी, जिसने अपने प्रयासों से खेल में पहचान बनाई, अपने पिता की गोलियों का शिकार बन गई।


इस मामले में रोज नए तथ्य सामने आ रहे हैं, जो न केवल पुलिस को चौंका रहे हैं, बल्कि समाज में पारिवारिक संबंधों पर गंभीर प्रश्न भी उठा रहे हैं। आखिर उस सुबह क्या हुआ जब राधिका की जिंदगी का अंत हो गया? आइए, इस दुखद घटना को समझते हैं।


शादी का विवाद: हत्या का कारण

राधिका यादव की हत्या का मुख्य कारण परिवार में चल रहा विवाह विवाद था। पुलिस के अनुसार, राधिका के पिता दीपक यादव अपनी बेटी की शादी के लिए दबाव बना रहे थे, जबकि राधिका इसके लिए तैयार नहीं थी। उसने स्पष्ट रूप से कहा था, "मैं न तो जहर खाऊंगी और न ही फांसी पर लटकूंगी, मैं अपनी जिंदगी जीऊंगी।"


यह बात दीपक को इतनी बुरी लगी कि उसने अपनी बेटी की हत्या कर दी। हत्या से तीन दिन पहले दोनों के बीच तीखी बहस हुई थी। राधिका ने पिता के दबाव को नजरअंदाज करते हुए अपनी टेनिस ट्रेनिंग जारी रखी, जो शायद दीपक के गुस्से का कारण बनी। इस घटना ने यह सवाल उठाया कि क्या बेटियों को अपनी जिंदगी का चुनाव करने का अधिकार नहीं है?


चार गोलियों ने छीनी राधिका की जिंदगी

10 जुलाई की सुबह, जब राधिका अपने घर में खाना बना रही थी, उसके पिता दीपक ने उस पर चार गोलियां चलाईं। पहली दो गोलियां उसकी रीढ़ की हड्डी से टकराईं, लेकिन राधिका तब भी खड़ी रही। तीसरी गोली उसके कंधे के नीचे लगी, जो उसके सीने तक पहुंची। फिर भी, राधिका ने हार नहीं मानी और आत्मरक्षा में हाथ उठाए।


लेकिन दीपक ने चौथी गोली चलाई, जो सीधे उसके दिल में लगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, यही गोली राधिका की मौत का कारण बनी। डॉक्टरों का कहना है कि अगर दीपक तीसरी गोली के बाद रुक जाता, तो शायद राधिका की जान बच सकती थी। यह क्रूरता हर किसी को झकझोर देने वाली है।


पुलिस जांच और परिवार का मौन

पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की। घटना की सूचना मेरिंगो एशिया अस्पताल से मिली, जहां राधिका को गंभीर हालत में लाया गया था। पुलिस ने राधिका के चाचा और मां से पूछताछ की, लेकिन परिवार की ओर से स्पष्ट उत्तर नहीं मिले। मां मंजू यादव ने पहले कुछ जानकारी दी, लेकिन बाद में लिखित बयान देने से मना कर दिया।


पुलिस सूत्रों के अनुसार, मां ने बताया कि वह कूकर की सीटी के बाद धमाके की आवाज सुनकर बाहर आईं और अपनी बेटी को खून से लथपथ देखा। पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है, ताकि इस हत्या की पूरी सच्चाई सामने आ सके।