गुर्जर महापंचायत राजस्थान: 8 जून को उठेगी आरक्षण की मांग

गुर्जर आरक्षण की आग फिर भड़की
गुर्जर महापंचायत राजस्थान: राजस्थान में गुर्जर आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर से गरमाने वाला है। भरतपुर के पीलूपुरा गांव में 8 जून को आयोजित महापंचायत ने सरकार और प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। 300 से अधिक गांवों से गुर्जर समुदाय के लोग इसमें शामिल होने के लिए तैयार हैं। यह वही पीलूपुरा है, जहां 2008 में आंदोलन के दौरान हिंसा हुई थी। अब गुर्जर समाज फिर से अपनी आवाज उठाने के लिए तैयार है।
गुर्जर समाज की प्रमुख मांगें
गुर्जर समाज की प्रमुख मांगें
- संविधान की नौवीं अनुसूची में एमबीसी आरक्षण को शामिल किया जाए।
- 5% आरक्षण के साथ पिछली नौकरियों में बैकलॉग को पूरा किया जाए।
- आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों को वापस लिया जाए।
- REET-2018 के बचे हुए 3727 पदों पर तुरंत नियुक्ति की जाए।
- आंदोलन में मारे गए लोगों के परिवारों को सरकारी नौकरी दी जाए।
- रोस्टर प्रणाली में सुधार और देवनारायण योजना का सही क्रियान्वयन किया जाए।
सरकार की चुप्पी और गुर्जर समाज का आक्रोश
सरकार की चुप्पी अब गुर्जर समाज को आंदोलन की ओर बढ़ने के लिए मजबूर कर रही है। विजय बैसला ने स्पष्ट किया है कि सरकार को 8 जून को दोपहर 12 बजे तक उनकी मांगों का जवाब देना होगा।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
सुरक्षा चाक-चौबंद, लेकिन आशंका कायम
भरतपुर के बयाना में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हैं। गुर्जर आंदोलन का इतिहास तनावपूर्ण रहा है, इसलिए सरकार किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहती।
सरकार का सकारात्मक रुख
सरकार के गृह राज्य मंत्री जवाहर बेड़म पहुंचे समाज के बीच
सरकार की ओर से गृह राज्य मंत्री जवाहर बेड़म गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों के बीच पहुंचे। उन्होंने समाज की मांगों के प्रति सकारात्मकता का आश्वासन दिया।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
राजनीतिक पृष्ठभूमि भी है तीखी
विजय बैसला केवल आंदोलनकारी नहीं हैं, बल्कि राजनीति में भी सक्रिय हैं। वह पूर्व गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला के बेटे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था।
महापंचायत का महत्व
महज पंचायत नहीं, रणनीति का ऐलान
गुर्जर समाज इस महापंचायत को केवल एक सभा नहीं मानता, बल्कि यह आगे की रणनीति का ऐलान भी है। अगर सरकार ने ठोस आश्वासन नहीं दिया, तो आंदोलन की गूंज फिर से सुनाई दे सकती है।
कौन हैं विजय बैसला?
कौन हैं विजय बैसला?
विजय दिवंगत कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला के बेटे हैं। उनके निधन के बाद विजय ने गुर्जर आरक्षण आंदोलन की बागडोर संभाली। वह 2023 में भाजपा से टोंक जिले के देवली-उनियारा विधानसभा के उम्मीदवार बने थे।