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गृह मंत्री अमित शाह का मुसलमानों की आबादी पर बयान: घुसपैठ का आरोप

गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में मुसलमानों की बढ़ती आबादी को पाकिस्तान और बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ से जोड़ा है। उन्होंने कहा कि यह वृद्धि प्रजनन दर के कारण नहीं, बल्कि घुसपैठ के कारण हो रही है। शाह ने मतदान का अधिकार केवल नागरिकों को देने की आवश्यकता पर जोर दिया और चुनाव आयोग की जिम्मेदारी पर भी प्रकाश डाला। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में चर्चा को जन्म दिया है।
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गृह मंत्री अमित शाह का मुसलमानों की आबादी पर बयान: घुसपैठ का आरोप

गृह मंत्री का बयान


भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में मुसलमानों की बढ़ती आबादी पर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह वृद्धि पाकिस्तान और बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ के कारण हो रही है। दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान शाह ने स्पष्ट किया कि मतदान का अधिकार केवल देश के नागरिकों को मिलना चाहिए।


आबादी में बदलाव का कारण

अमित शाह ने बताया कि "मुस्लिम जनसंख्या में 24.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि हिंदू जनसंख्या में 4.5 प्रतिशत की कमी आई है। यह वृद्धि प्रजनन दर के कारण नहीं, बल्कि घुसपैठ के कारण हुई है।" उन्होंने यह भी कहा कि भारत का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप जनसंख्या में बदलाव आया।


घुसपैठियों और शरणार्थियों का अंतर

गृह मंत्री ने आगे कहा, "मैं आपको घुसपैठियों और शरणार्थियों के बीच का अंतर समझाना चाहता हूँ। पाकिस्तान और बांग्लादेश में जो हिंदू आबादी कम हुई है, उनमें से कई ने भारत में शरण ली। वहीं, जो मुस्लिम आबादी बढ़ी है, वह घुसपैठ के कारण है।" उन्होंने कहा कि घुसपैठ को राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए और इसे रोकना आवश्यक है।


मतदाता सूची की सफाई

अमित शाह ने कहा कि मतदाता सूची में घुसपैठियों का समावेश संविधान की भावना को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वह मतदाता सूची को साफ करे। शाह ने यह भी कहा कि यह प्रक्रिया कांग्रेस के शासन में भी हुई थी और विपक्ष केवल अपने वोट बैंक की रक्षा के लिए विरोध कर रहा है।