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गौतम अडानी ने शेयरधारकों को बताया भविष्य की रणनीति, कहा 'सत्य की जीत हुई'

गौतम अडानी ने हाल ही में शेयरधारकों को एक पत्र में बताया कि सेबी के निर्णय के बाद संकट का दौर समाप्त हो गया है। उन्होंने समूह की भविष्य की रणनीति पर चर्चा की, जिसमें नवाचार और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाने का लक्ष्य शामिल है। अडानी ने इस अवसर पर अपने मूल्यों को भी दोहराया और संकट के समय में निवेशकों की चिंताओं को स्वीकार किया। उनके पत्र में कवि सोहन लाल द्विवेदी की पंक्तियों का उद्धरण भी शामिल था, जो संघर्ष और प्रयास की महत्ता को दर्शाता है।
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गौतम अडानी ने शेयरधारकों को बताया भविष्य की रणनीति, कहा 'सत्य की जीत हुई'

गौतम अडानी का बयान

नई दिल्ली: अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने हाल ही में हिंडनबर्ग मामले में बाजार नियामक सेबी (SEBI) के निर्णय का उल्लेख करते हुए कहा कि अंततः सत्य की विजय हुई है। बुधवार को समूह के शेयरधारकों को भेजे गए पत्र में उन्होंने बताया कि सेबी द्वारा हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के आरोपों को खारिज करना, समूह के संचालन की पारदर्शिता और कार्यप्रणाली की पुष्टि करता है।


अपने पत्र में, अडानी ने कहा कि यह संकट अब समाप्त हो चुका है और समूह अब भविष्य की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा, “हम अपने कार्यों को और मजबूत करने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और देश के इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।” उन्होंने संकट के समय में निवेशकों, ऋणदाताओं और साझेदारों की चिंताओं को स्वीकार करते हुए कहा, “हम राष्ट्र निर्माण के अपने लक्ष्य पर और अधिक ध्यान देंगे।”


गौतम अडानी ने कहा कि सेबी द्वारा आरोपों को खारिज करने से उस लंबी जांच प्रक्रिया का अंत हुआ है, जिसने अडानी समूह के सभी पहलुओं की जांच की। उन्होंने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को केवल समूह पर एक हमला नहीं, बल्कि “वैश्विक स्तर पर पहुंचने का सपना देखने वाले भारतीय उद्यमों के साहस को सीधी चुनौती” बताया।


अडानी ने अपने पत्र का समापन समूह के मूल मूल्यों को दोहराते हुए किया, जिसमें विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष, कार्यों में ईमानदारी और भारत के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के प्रति अटूट प्रतिबद्धता शामिल है।


उन्होंने कवि सोहन लाल द्विवेदी की प्रसिद्ध पंक्तियों का उद्धरण देते हुए समूह की वापसी की तुलना लहरों का सामना कर किनारे तक पहुंचने वाली नाव से की। उन्होंने लिखा, “लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती... कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है।”