घर पर हवन करने का सरल तरीका: सामग्री और विधि जानें

घर पर हवन: पंडित के बिना कैसे करें?
घर पर हवन करना: पंडित की आवश्यकता नहीं! हवन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो न केवल आत्मा और घर की शुद्धि के लिए होती है, बल्कि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और देवताओं को प्रसन्न करने का एक प्रभावी तरीका भी है। विशेष अवसरों जैसे गणेश चतुर्थी, नवरात्रि और दीवाली पर हवन का महत्व और भी बढ़ जाता है।
यदि पंडित उपलब्ध नहीं हैं, तो चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। आप खुद से भी हवन कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि हवन के लिए किन सामग्रियों की आवश्यकता होती है और इसे कैसे किया जाता है, ताकि आप बिना किसी परेशानी के इसे संपन्न कर सकें!
हवन के लिए आवश्यक सामग्री
हवन करने के लिए कुछ विशेष सामग्रियों की आवश्यकता होती है, जो आसानी से घर पर मिल जाती हैं। आपको एक हवन कुंड चाहिए, जो तांबे, पीतल या मिट्टी का हो सकता है।
इसके अलावा, आम की लकड़ी, गुग्गुल, लोबान, पंचमेवा, जौ, तिल, गाय का घी, जल से भरा कलश, फूल, रक्षासूत्र, अक्षत, घंटी, अगरबत्ती और कुशा (पवित्र घास) भी आवश्यक हैं। इन सामग्रियों को पहले से इकट्ठा कर लें ताकि हवन के समय कोई समस्या न आए।
घर पर हवन करने की विधि
सबसे पहले, सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें और हवन करने की जगह को अच्छे से साफ करें। अब पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके कुशा का आसन बिछाएं और बैठ जाएं। हाथ में जल, चावल और फूल लेकर भगवान का ध्यान करें और संकल्प लें।
संकल्प में कहें, "ॐ श्री गणेशाय नमः, आज मैं इस कार्य के लिए हवन कर रहा हूँ, कृपया इसे स्वीकार करें।" इसके बाद दीपक जलाएं और "ॐ गणेशाय नमः" मंत्र का जाप करें। फिर तीन बार आचमन करें: "ॐ केशवाय नमः, ॐ नारायणाय नमः, ॐ माधवाय नमः।"
अब जगह को शुद्ध करने के लिए जल छिड़कें और मंत्र बोलें, "ॐ अपवित्रः पवित्रो वा..."। हवन कुंड में आम की लकड़ियों और कपूर से आग जलाएं, फिर थोड़ा गाय का घी डालकर आग को स्थिर करें। हर आहुति से पहले "ॐ अग्ने स्वाहा" या "ॐ नमः शिवाय स्वाहा" बोलें और 11, 21 या 108 आहुतियां दें। अंत में गुड़, तिल, नारियल आदि से पूर्ण आहुति दें और मंत्र बोलें, "ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते... स्वाहा।" हवन के बाद आरती करें और प्रार्थना करें कि घर में शांति और सुख आए। अंत में हवन की राख को माथे पर टीका लगाएं या गमले में डाल दें।