चंडीगढ़ को 2030 तक कार्बन न्यूट्रल बनाने की योजना

चंडीगढ़ में डीजल वाहनों का घटता हिस्सा
चंडीगढ़ में डीजल वाहनों की संख्या में धीरे-धीरे कमी आ रही है। पिछले पांच वर्षों में चार पहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन के आंकड़ों के अनुसार, पेट्रोल और पेट्रोल-हाइब्रिड वाहनों का हिस्सा बढ़ा है।
कार्बन न्यूट्रल सिटी का लक्ष्य
चंडीगढ़ को 2030 तक कार्बन न्यूट्रल सिटी बनाने की योजना है, जिसके तहत क्लीन फ्यूल वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। डीजल ऑटो अब बंद कर दिए गए हैं, और सीएनजी ऑटो तथा इलेक्ट्रिक ई-रिक्शा का उपयोग किया जा रहा है। चार पहिया वाहनों में भी अब विभिन्न श्रेणियों में इलेक्ट्रिक गाड़ियां उपलब्ध हैं।
वाहनों की रजिस्ट्रेशन में वृद्धि
पिछले कुछ वर्षों में चंडीगढ़ में पेट्रोल और इलेक्ट्रिक वाहनों की रजिस्ट्रेशन में वृद्धि देखी गई है। उदाहरण के लिए, पिछले दो-तीन वर्षों में पेट्रोल वाहनों के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों की रजिस्ट्रेशन में भी वृद्धि हुई है।
फोर व्हीलर्स की रजिस्ट्रेशन के आंकड़े
2020 में चंडीगढ़ में 9388 पेट्रोल गाड़ियां रजिस्टर्ड हुईं, जबकि डीजल गाड़ियों की संख्या 4045 थी। 2021 में यह संख्या बढ़कर 12637 पेट्रोल गाड़ियों और 6058 डीजल गाड़ियों तक पहुंच गई। 2022 में 15011 पेट्रोल और 8018 डीजल गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन हुई।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रोत्साहन
अब तक 5000 से अधिक लोगों को कुल 34.5 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया गया है। शहर में 34 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन हैं, जिनमें से 11 बैटरी स्वैपिंग सुविधा के साथ हैं।
ईवी के शेयर को बढ़ाने की योजना
चंडीगढ़ प्रशासन का लक्ष्य है कि वित्तीय वर्ष 2025-2026 तक इलेक्ट्रिक वाहनों का हिस्सा 18% या उससे अधिक किया जाए। इसके लिए विभिन्न छूटें दी जा रही हैं, जैसे कि रोड टैक्स में छूट और पार्किंग में सुविधाएं।