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चंडीगढ़ कोर्ट ने झूठे ट्रैफिक चालान वीडियो बनाने वालों को सिखाया सबक

चंडीगढ़ कोर्ट ने हाल ही में भ्रामक ट्रैफिक चालान वीडियो बनाने वाले तीन ब्लॉगर्स को सजा दी। इन ब्लॉगर्स ने चालान भुगतान को लेकर गलत जानकारी फैलाई थी, जिससे वाहन चालकों में भ्रम पैदा हुआ। कोर्ट ने इनसे वीडियो डिलीट करवाने और सही जानकारी के साथ नए वीडियो अपलोड करने का आदेश दिया। जानें इस मामले की पूरी कहानी और चालान भुगतान की सही प्रक्रिया के बारे में।
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चंडीगढ़ कोर्ट ने झूठे ट्रैफिक चालान वीडियो बनाने वालों को सिखाया सबक

चंडीगढ़ कोर्ट का कड़ा कदम

चंडीगढ़ समाचार, (चंडीगढ़) : '10 हजार का ट्रैफिक चालान, लेकिन हजार-दो हजार रुपये में छूट जाएगा...' जैसे भ्रामक वीडियो देखकर कई लोग भ्रमित हो जाते हैं। लेकिन बुधवार को चंडीगढ़ कोर्ट ने ऐसे झूठ फैलाने वालों को कड़ा सबक सिखाया। चालान भरने आए लोगों ने कोर्ट में ये वीडियो दिखाए, तो चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सचिन यादव ने तुरंत कार्रवाई की। उनके स्टाफ ने भी ऐसे वीडियो प्रस्तुत किए।


ब्लॉगर्स को पेश करने का आदेश

सीजेएम ने पुलिस को निर्देश दिया कि वीडियो बनाने वाले ब्लॉगर्स को कोर्ट में पेश किया जाए। सेक्टर 36 थाना पुलिस ने तुरंत इनकी तलाश शुरू की। कुछ ही समय में तीनों ब्लॉगर्स के पास पुलिस का फोन पहुंच गया। सेक्टर-116 मोहाली के राहुल, धनास के विनोद और जीरकपुर के अंकित को साढ़े 11 बजे तक जज के सामने पेश कर दिया गया। गुमराह करने वाले इन वीडियो के लिए जज ने तीनों को शाम तक कोर्ट में खड़ा रहने की सजा सुनाई।


सब्सक्राइबर्स बढ़ाने की कोशिश

ये तीनों ब्लॉगर अपने चैनल के सब्सक्राइबर्स बढ़ाने के लिए विभिन्न मुद्दों पर वीडियो बनाते रहते हैं। हाल ही में इन्होंने चालान भुगतान को लेकर भ्रामक वीडियो अपलोड किए थे, जिससे चालान भरने वालों में संदेह पैदा हो गया। उल्लेखनीय है कि चालानों की पेंडेंसी कम करने के लिए 1 से 12 सितंबर तक स्पेशल लोक अदालत चल रही है।


सही चालान भुगतान की जानकारी

बुधवार को कुछ वाहन चालक भुगतान करने पहुंचे, तो उन्हें पूरी राशि ही भरनी पड़ी। कोर्ट ने एक्ट के अनुसार जुर्माना लगाया। तब वाहन चालकों ने कोर्ट स्टाफ को इन वीडियोज के बारे में बताया। स्टाफ ने सीजेएम सचिन यादव को वीडियो दिखाई। कोर्ट ने तीनों ब्लॉगर्स से तुरंत वीडियो डिलीट करवाने और सही जानकारी के साथ नई अपडेटेड वीडियो डालने का आदेश दिया।


चालान की राशि लीगल प्रोसेस के अनुसार तय होती है। जिनका मोबाइल नंबर चालान के साथ अपडेट है, वे घर बैठे ही भुगतान कर सकते हैं। जिनका नंबर अपडेट नहीं है, उन्हें 13 सितंबर को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में लगने वाली नेशनल लोक अदालत में आकर भुगतान करना होगा। कोई चालान माफ नहीं होगा। कोर्ट ही लीगल तरीके से राशि तय करेगा। सोशल मीडिया पर चल रहे ऐसे भ्रामक वीडियो के चक्कर में न पड़ें। सही जानकारी के लिए आधिकारिक साइट्स या कोर्ट का सहारा लें।