चंडीगढ़ में खाली बूथों और हॉल का ई-ऑक्शन शुरू

चंडीगढ़ में किराए पर देने की योजना
चंडीगढ़ समाचार: चंडीगढ़ के विकास नगर, मौलीजागरां में पिछले एक दशक से 64 बूथ और दो हॉल खाली पड़े हैं। नगर निगम ने अब इन्हें मासिक किराए पर देने के लिए ई-ऑक्शन आयोजित करने का निर्णय लिया है। दो साल पहले नगर निगम की बैठक में इन बूथों और हॉल को किराए पर देने का प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें किराए की दरें तीन वर्षों तक लागू रहने की बात कही गई थी। इसके बावजूद, नगर निगम ने अब तक इन्हें किराए पर देने का कोई प्रयास नहीं किया। अब 15 सितंबर से 3 अक्टूबर दोपहर 3 बजे तक इन बूथों और हॉल के लिए ई-ऑक्शन आयोजित किया जाएगा।
बूथों की बिक्री में विफलता
पहले क्यों नहीं बिके बूथ?
नगर निगम ने 2017 में विकास नगर के 112 बूथ और दो हॉल को 99 साल की लीज पर बेचने के लिए ऑक्शन आयोजित किया था, लेकिन केवल पांच बूथ ही बिक पाए। एक बूथ नंबर 56, जिसकी रिजर्व प्राइस 18.42 लाख रुपये थी, वह 24 लाख रुपये में बिका।
इससे पहले भी दो बार ऑक्शन हुए, लेकिन कोई खरीदार नहीं आया। निगम ने रिजर्व प्राइस में कमी नहीं की, जिसके कारण बूथ बिक नहीं पाए। बूथ नंबर 1 से 56 तक की रिजर्व प्राइस 18.42 लाख और 57 से 112 तक की 15.75 लाख रुपये रखी गई थी।
किराए की नई योजना
चंडीगढ़ में किराए की नई योजना
नगर निगम ने अब इन्हें बेचने के बजाय किराए पर देने का निर्णय लिया है। दो साल पहले क्षेत्रीय पार्षद मनोज कुमार सोनकर ने प्रस्ताव रखा था कि ग्राउंड फ्लोर के प्रत्येक बूथ का किराया 5,000 रुपये और फर्स्ट फ्लोर के बूथ का किराया 3,500 रुपये प्रति माह रखा जाए। इसके अलावा, ग्राउंड फ्लोर के हॉल का किराया 40,000 रुपये और फर्स्ट फ्लोर के हॉल का किराया 35,000 रुपये प्रति माह प्रस्तावित किया गया था।
इस प्रस्ताव को नवंबर 2023 की निगम बैठक में मंजूरी मिल गई थी। तय हुआ कि ये किराए की दरें तीन साल तक लागू रहेंगी। हालांकि, दो साल तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। अब ई-ऑक्शन के जरिए इन बूथों और हॉल को किराए पर देने की प्रक्रिया शुरू हो रही है।