चंडीगढ़ में बिजली की खपत ने तोड़े रिकॉर्ड, संकट की स्थिति

चंडीगढ़ में बिजली की खपत में वृद्धि
बुधवार को दोपहर 1 से 4 बजे के बीच बिजली की खपत 452 मेगावॉट तक पहुंच गई, जो इस मौसम में अब तक की सबसे अधिक है। पिछले वर्ष 14 जून को बिजली की खपत 448 मेगावॉट थी, जब तापमान 44.5 डिग्री सेल्सियस था।
गर्मी से बढ़ी बिजली की मांग
गर्मी के कारण घरों में एसी का उपयोग बढ़ गया, जिससे बिजली का लोड बढ़ा और खपत ने नया रिकॉर्ड स्थापित किया। लोड बढ़ने के कारण बिजली की लाइनों में ओवरलोडिंग हुई, जिसके चलते कई स्थानों पर फॉल्ट आ गए और बिजली कट गई। दोपहर के तीन घंटों में 12 सब डिविज़न में लगभग 150 शिकायतें दर्ज की गईं।
बिजली संकट का समाधान आवश्यक
चंडीगढ़ में बढ़ती बिजली की मांग को देखते हुए प्रशासन को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि बिजली के ढांचे को मजबूत करना और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है। इसके साथ ही, नागरिकों को बिजली का विवेकपूर्ण उपयोग करने की सलाह दी जा रही है। यदि स्थिति ऐसी ही बनी रही, तो भविष्य में बिजली संकट और गहरा हो सकता है।
सेक्टर-41बी में बिजली कटौती पर हंगामा
सेक्टर-41बी की एजी ऑडिट पूल कॉलोनी में लंबे समय तक बिजली कटौती से लोग परेशान हो गए। पिछले 3-4 दिनों से रात 9 से 12 बजे तक बिजली कट रही थी। बच्चों और बुजुर्गों की स्थिति देखकर लोग सेक्टर-43 के बिजली विभाग के कार्यालय पहुंचे और नारेबाजी की। कर्मचारियों ने फोन पर फोन घुमाते हुए लोगों को इंतजार करने को कहा। इस बीच, महिलाएं खिड़की से अंदर झांकते हुए बोलीं, 'आप एसी में बैठे हैं और हमारी बिजली काट रहे हैं, पहले हमारे एसी बंद करें।' रात 12 बजे तक वहां हंगामा चलता रहा।
अन्य क्षेत्रों में भी बिजली गुल
बुड़ैल, मिल्क कॉलोनी, धनास रिहेबिलिटेशन कॉलोनी, डड़माजरा गांव, हल्लोमाजरा, दीप कॉम्पलेक्स, रायपुर खुर्द, मौली जागरां और मनीमाजरा के कुछ हिस्सों में भी बिजली चली गई। सीपीडीएल के निदेशक अरुण वर्मा ने कहा कि शिकायतों का समाधान किया जा रहा है।