चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन बने 15वें उपराष्ट्रपति, धनखड़ की उपस्थिति ने खींचा ध्यान

उपराष्ट्रपति पद की शपथ
नई दिल्ली: चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को देश के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में उन्हें शपथ दिलाई। इस कार्यक्रम में पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की उपस्थिति ने सभी का ध्यान आकर्षित किया, जो अपने इस्तीफे के 52 दिन बाद पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आए।
शपथ ग्रहण समारोह की विशेषताएँ
शुक्रवार की सुबह, 67 वर्षीय सीपी राधाकृष्णन ने ईश्वर के नाम पर अंग्रेजी में शपथ ली। उन्होंने हाल ही में हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों से हराया था। इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।
धनखड़ की वापसी
कार्यक्रम का सबसे बड़ा आकर्षण पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ रहे। 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों से अचानक इस्तीफा देने के बाद यह उनकी पहली सार्वजनिक उपस्थिति थी। वह मेहमानों की पहली पंक्ति में नए उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के निकट बैठे थे और पूरे कार्यक्रम के दौरान मुस्कुराते और तालियां बजाते हुए दिखाई दिए। उनकी इस उपस्थिति ने पिछले लगभग दो महीनों से उनकी गैरमौजूदगी को लेकर चल रही अटकलों और राजनीतिक सवालों पर विराम लगा दिया।
विपक्ष की चिंताएँ
जगदीप धनखड़ की 52 दिनों की चुप्पी और सार्वजनिक जीवन से दूरी पर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल लगातार सवाल उठा रहे थे। कांग्रेस नेता सचिन पायलट, शिवसेना सांसद संजय राउत और तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन जैसे नेताओं ने सरकार से पूछा था कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कहां हैं? विपक्ष ने उनकी “असामान्य चुप्पी” को लेकर कई तरह की आशंकाएं भी जताई थीं।
धनखड़ का पत्र
इस्तीफे के बाद धनखड़ ने अपने उत्तराधिकारी को पत्र लिखकर बधाई दी थी, जो उनका पहला सार्वजनिक बयान था। उन्होंने पत्र में लिखा था कि सार्वजनिक जीवन में राधाकृष्णन के विशाल अनुभव से उपराष्ट्रपति पद की गरिमा और बढ़ेगी।