चंद्रबाबू नायडू की 500 रुपये के नोटों को बंद करने की मांग

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री का बयान
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के नेता चंद्रबाबू नायडू ने देश में भ्रष्टाचार को कम करने और वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता लाने के लिए 500 रुपये के नोटों को समाप्त करने की अपील की है। उन्होंने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। यह बयान नायडू ने वाईएसआर कडपा जिले में टीडीपी के महानदु कार्यक्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दिया।
'500 रुपये के नोटों को तुरंत बंद कर दो'
नायडू ने कहा कि डिजिटल मुद्रा को प्राथमिकता देना आवश्यक है। उनका मानना है कि नकद लेनदेन, विशेषकर बड़े नोटों का उपयोग, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है। 500 रुपये के नोटों को समाप्त करने से काले धन पर नियंत्रण पाया जा सकेगा और अवैध गतिविधियों में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान प्रणाली को अपनाने से हर लेनदेन का रिकॉर्ड रखा जा सकता है, जिससे भ्रष्टाचार को रोकने में मदद मिलेगी।
Kadapa, Andhra Pradesh: CM N. Chandrababu Naidu demanded the withdrawal of all high-value notes from the country. He was addressing a Mahanadu program held in Kadapa. Chandrababu said that withdrawing high-value notes can help reduce corruption in the country. After the… pic.twitter.com/39Hm3AJFEw
— IANS (@ians_india) May 27, 2025
उन्होंने कहा, "हमें एक ऐसी व्यवस्था की ओर बढ़ना चाहिए जहां वित्तीय लेनदेन पूरी तरह पारदर्शी हों। डिजिटल भुगतान न केवल सुविधाजनक है, बल्कि यह भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने का एक प्रभावी तरीका भी है." नायडू ने केंद्र सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।
'देश की अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती'
चंद्रबाबू नायडू ने यह भी बताया कि डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने से न केवल भ्रष्टाचार कम होगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने लोगों से डिजिटल भुगतान के तरीकों जैसे यूपीआई, मोबाइल ऐप्स और ऑनलाइन बैंकिंग को अपनाने की अपील की। साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं से इस संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया।
राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू
उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू कर दी है। कुछ लोग इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक साहसिक कदम मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे लागू करने में चुनौतियों की बात कह रहे हैं। नायडू का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में डिजिटल भुगतान का चलन तेजी से बढ़ रहा है।