चंद्रशेखर आजाद का जगद्गुरु रामभद्राचार्य पर तीखा हमला

चंद्रशेखर आजाद का विवादास्पद बयान
नई दिल्ली। जगद्गुरु रामभद्राचार्य द्वारा दिए गए 'मिनी पाकिस्तान' वाले बयान पर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस मामले में आजाद समाज पार्टी के नेता और नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने भी अपनी राय रखी है। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए तीखा प्रहार करते हुए कहा कि एक संत हैं जिनकी आंखें नहीं हैं, सोचिए उनके कितने पाप होंगे?
नगीना सांसद ने बुधवार को बरेली में आयोजित प्रबुद्धजन सम्मेलन में भाग लिया, जहां उन्होंने मेरठ में हुई रामकथा के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश को 'मिनी पाकिस्तान' कहे जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि संत की न जाति होती है और न धर्म, संत सभी धर्मों का होता है।
‘जिनकी आंखें नहीं, उनके कितने पाप होंगे’
चंद्रशेखर ने कहा कि मेरठ का इतिहास 1857 की क्रांति से जुड़ा है, इसलिए इसे गलत तरीके से संबोधित करना अनुचित है। रामभद्राचार्य पर व्यंग्य करते हुए उन्होंने कहा कि सुना है कि उन्हें बचपन से दिखाई नहीं देता। यदि इंसान को अपने पूर्व जन्मों के कर्मों का फल मिलता है, तो उन्होंने अपने पिछले जन्म में कितने बुरे काम किए होंगे कि उन्हें आंखें नहीं दी गईं।
उन्होंने आगे कहा कि एक संत जिनकी आंखें नहीं हैं, सोचिए उनके कितने पाप होंगे, और लोग ऐसे व्यक्ति से ज्ञान ले रहे हैं। सनातन के अनुसार, कोई व्यक्ति इतनी बड़ी सजा कैसे पा सकता है कि उसे आंखें ही न दी जाएं? यह सोचने वाली बात है। मेरठ की धरती किसानों और 1857 के विद्रोह की भूमि है। ऐसी जगह को मिनी पाकिस्तान कहना निंदनीय है।
पश्चिमी यूपी को 'मिनी पाकिस्तान' कहने पर विवाद
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने हाल ही में मेरठ में रामकथा के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश को 'मिनी पाकिस्तान' कहा था। उन्होंने कहा कि आज हिंदुओं पर बड़ा संकट है और यहां आकर ऐसा लगता है जैसे मिनी पाकिस्तान में हैं।
रामभद्राचार्य के इस बयान पर बहस छिड़ गई है। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि योगी राज में पाकिस्तान बन रहा है, यह चिंतन का विषय है। समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने भी उनके बयान पर आपत्ति जताई है, और चंद्रशेखर आजाद ने भी इसे समाज के खिलाफ बताया है।