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चिराग पासवान की नसीहत पर जीतन राम मांझी का जवाब

बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर चिराग पासवान और जीतन राम मांझी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। चिराग ने राज्य में बढ़ते अपराधों पर सरकार की नीतियों की आलोचना की, जबकि मांझी ने चिराग को गठबंधन धर्म की याद दिलाई। इस राजनीतिक टकराव ने NDA के भीतर आंतरिक समीकरणों पर सवाल उठाए हैं। जानें इस मुद्दे पर दोनों नेताओं की क्या राय है और बिहार की राजनीति में क्या हो रहा है।
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चिराग पासवान की नसीहत पर जीतन राम मांझी का जवाब

बिहार में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप

चिराग पासवान पर जीतन राम मांझी की प्रतिक्रिया: बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। एक ओर, राज्य में SIR को लेकर विवाद चल रहा है, वहीं दूसरी ओर, आपराधिक घटनाएं भी बढ़ रही हैं। हाल के दिनों में बिहार में हत्या, गोलीबारी, अपहरण और बलात्कार जैसी घटनाएं सामने आई हैं। इन बढ़ते अपराधों पर चिराग पासवान ने राज्य सरकार को कानून व्यवस्था पर सलाह दी, लेकिन यह सलाह जीतन राम मांझी को पसंद नहीं आई, और उन्होंने चिराग की बातों का जवाब दिया।


बिहार में अपराध की स्थिति

बिहार में अपराध बेलगाम


केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने गया में आयोजित शक्ति प्रदर्शन रैली में भाग लिया। यहां उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए बिहार सरकार पर तीखा हमला किया। चिराग ने राज्य में बढ़ते अपराधों पर सवाल उठाते हुए गया में प्रशासन की कार्यप्रणाली की आलोचना की। उन्होंने गया में महिला सिपाही अभ्यर्थी के साथ बलात्कार की घटना को लेकर भी राज्य सरकार की नीतियों पर कड़ा प्रहार किया। चिराग ने कहा कि बिहार में अपराध की स्थिति नियंत्रण से बाहर हो चुकी है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पूरी तरह असफल हो गई है।


मांझी का पलटवार

चिराग पर मांझी का पलटवार


चिराग की सलाह पर जीतन राम मांझी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने चिराग को गठबंधन धर्म की याद दिलाते हुए कहा कि जंगलराज को भूलना नहीं चाहिए। मांझी ने कहा कि चिराग के पिता उस समय मंत्री थे और उन्होंने देखा था कि मुख्यमंत्री आवास से कैसे डील होती थी। आज यदि घटनाएं हो रही हैं, तो कार्रवाई भी हो रही है।


NDA में एकता का संदेश

NDA में कोई तकरार नहीं


मांझी ने स्पष्ट किया कि NDA में किसी प्रकार की तकरार नहीं है और सभी घटक दल मिलकर आगामी चुनाव में मजबूती से भाग लेंगे। सीटों का बंटवारा आपसी सहमति से किया जाएगा। हालांकि, चिराग पासवान के गया दौरे को राजनीतिक हलकों में मांझी के प्रभाव को चुनौती देने के रूप में देखा जा रहा है, जिससे NDA के भीतर आंतरिक समीकरणों पर सवाल उठ रहे हैं, जबकि सार्वजनिक रूप से एकता का संदेश दिया जा रहा है।