चिराग पासवान: क्या बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री बनने की तैयारी कर रहे हैं?

चिराग पासवान की चुनावी रणनीति
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने अपने नेता चिराग पासवान को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में उतारने का समर्थन किया है। पार्टी की इच्छा है कि चिराग किसी आरक्षित सीट के बजाय सामान्य सीट से चुनाव लड़ें, जिससे यह संदेश जाए कि वे केवल दलित समुदाय के नेता नहीं, बल्कि पूरे राज्य के नेता बनने की चाह रखते हैं। इस स्थिति ने अटकलें बढ़ा दी हैं कि क्या चिराग केंद्रीय मंत्री पद छोड़कर मुख्यमंत्री बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं.
कार्यकर्ताओं की अपेक्षाएँ
चिराग पासवान के बहनोई और पार्टी सांसद अरुण भारती ने हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट साझा किए, जिसमें उन्होंने बताया कि कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि चिराग सामान्य सीट से विधानसभा चुनाव में भाग लें और एक महत्वपूर्ण संदेश दें.
चिराग वर्तमान में मोदी सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हैं, लेकिन उनके हालिया बयानों से यह स्पष्ट है कि वे दिल्ली की राजनीति से ज्यादा बिहार की राजनीति पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा है कि वे राष्ट्रीय राजनीति में लंबे समय तक नहीं रहना चाहते और अब बिहार में सक्रिय भूमिका निभाना चाहते हैं.
चिराग का राजनीतिक सफर
चिराग पासवान तीन बार के सांसद हैं, जिन्होंने 2014 और 2019 में जमुई से और 2024 में हाजीपुर से जीत हासिल की। उनकी पार्टी का यह कहना कि उन्हें विधानसभा चुनाव में भाग लेना चाहिए, यह संकेत देता है कि वे मुख्यमंत्री पद के लिए गंभीरता से सोच रहे हैं.
हालांकि, एनडीए ने पहले ही नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया है, लेकिन चिराग की सक्रियता से यह सवाल उठता है कि क्या वे इस घोषणा को चुनौती देने की योजना बना रहे हैं?
मुख्यमंत्री पद की स्थिति
चिराग ने इस संदर्भ में कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए कोई रिक्ति नहीं है और चुनाव के बाद नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे। यह बयान स्पष्टता प्रदान करता है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह भाजपा पर सीट बंटवारे में दबाव बनाने की रणनीति हो सकती है.
2024 के लोकसभा चुनाव में चिराग की पार्टी ने सभी पांच सीटें जीतकर 100% स्ट्राइक रेट दर्ज किया, जिससे उनका राजनीतिक कद बढ़ा है। उनकी 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' मुहिम को भी व्यापक जनसमर्थन मिला है, और वे पासवान समुदाय में एक मजबूत वोटबैंक के रूप में जाने जाते हैं.
चिराग का भविष्य
चिराग की 2020 के विधानसभा चुनावों में जेडीयू के खिलाफ रणनीति ने नीतीश कुमार को नुकसान पहुँचाया था। यदि 2025 में भी ऐसा ही माहौल बनता है और नीतीश स्वास्थ्य कारणों से पद संभालने में असमर्थ होते हैं, तो चिराग एक संभावित विकल्प के रूप में उभर सकते हैं.