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चिराग पासवान ने बताया पिता रामविलास पासवान का भाजपा में लौटने का दिलचस्प किस्सा

चिराग पासवान ने अपने पिता रामविलास पासवान की भाजपा में लौटने की कहानी साझा की है, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे उनके पिता ने भाजपा के साथ गठबंधन करने के लिए पहले मना किया था। चिराग ने यह भी बताया कि रामविलास पासवान ने राहुल गांधी से मिलने की कोशिश की, लेकिन यह मुलाकात नहीं हो पाई। इसके अलावा, उन्होंने एनडीए में वापसी के पीछे के कारणों पर भी प्रकाश डाला। इस दिलचस्प कहानी को जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
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चिराग पासवान ने बताया पिता रामविलास पासवान का भाजपा में लौटने का दिलचस्प किस्सा

रामविलास पासवान का राजनीतिक सफर

रामविलास पासवान: रामविलास पासवान ने नौ बार लोकसभा और छह बार राज्यसभा में प्रतिनिधित्व किया। उनके राजनीतिक करियर में उन्होंने छह प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया। हाल ही में, उनके बेटे चिराग पासवान ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके पिता ने भाजपा में दोबारा शामिल होने का निर्णय कैसे लिया, जो काफी दिलचस्प है।


भाजपा में शामिल होने के लिए चिराग का प्रयास

चिराग ने JIST के साथ बातचीत में बताया कि उन्होंने अपने पिता को भाजपा में शामिल होने के लिए कैसे मनाया। जब पहली बार रामविलास पासवान से भाजपा के साथ गठबंधन करने के लिए कहा गया, तो उनकी प्रतिक्रिया काफी तीखी थी। उन्होंने कहा, 'मैं जहर खा लूंगा, लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाऊंगा।' चिराग ने बताया कि उस समय उन्होंने कुछ नहीं कहा, क्योंकि उन्हें हिम्मत नहीं थी।


राहुल गांधी से मिलने की कोशिश

हालांकि, परिस्थितियाँ ऐसी बनीं कि रामविलास पासवान भाजपा के साथ आ गए। चिराग ने यह भी बताया कि उनके पिता ने राहुल गांधी से मिलने की कोशिश की, लेकिन यह मुलाकात नहीं हो पाई। सोनिया गांधी ने भी उन्हें राहुल से मिलने के लिए कहा था, लेकिन यह संभव नहीं हो सका।


एनडीए में वापसी का सफर

आपको याद दिला दें कि 2002 में गुजरात दंगों के समय रामविलास पासवान एनडीए का हिस्सा थे, लेकिन उन्होंने दंगों के कारण एनडीए छोड़ दिया था। उस समय नीतीश कुमार ने एनडीए नहीं छोड़ा। समय के साथ, रामविलास पासवान एनडीए में वापस लौट आए। 2014 में जब नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया, तब नीतीश कुमार ने एनडीए को अलविदा कहा, जबकि रामविलास पासवान ने एनडीए में वापसी की।