चीन और पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियां: अमेरिका के लिए चिंता का विषय
चीन और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियां वैश्विक भू-राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला रही हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ के बाद, भारत ने चीन के साथ अपने संबंध सुधारने का प्रयास किया है। लेकिन चीन और पाकिस्तान की साझेदारी का पुनरुद्धार भारत के लिए चिंता का विषय बन गया है। जानें इस लेख में कि ये घटनाक्रम किस प्रकार से वैश्विक संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं।
Sep 6, 2025, 13:41 IST
| 
चीन का भू-राजनीतिक प्रभाव
वर्तमान में, वैश्विक स्तर पर दो प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हो रही है: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ और चीन का शक्ति प्रदर्शन। इस समय, चीन भू-राजनीति का केंद्र बन चुका है। ट्रंप इस तथ्य को नजरअंदाज कर रहे हैं कि चीन अपनी स्थिति को विश्व स्तर पर मजबूत कर रहा है। आज, चीन की पहुंच भारत तक हो चुकी है और रूस के साथ उसकी साझेदारी भी मजबूत हो चुकी है। अब उत्तर कोरिया भी चीन के करीब आ रहा है। जब ऐसे देश चीन के साथ जुड़ रहे हैं, तो अमेरिका के लिए यह एक गंभीर खतरा बन सकता है।
भारत और चीन के रिश्तों में खटास
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को यह समझना चाहिए कि जब वह दुनिया को अफरा-तफरी में उलझाने में व्यस्त हैं, तब अन्य देश चीन की ओर बढ़ रहे हैं। चीन का इतिहास विश्वासघात का रहा है, और जब भी भारत ने उस पर भरोसा किया, उसने धोखा ही दिया। हाल ही में, भारत-चीन संबंधों में सुधार की उम्मीदें थीं, लेकिन चीन के करीबी मित्र पाकिस्तान के साथ नए परियोजनाओं की खबर ने भारत को चिंतित कर दिया है।
सीपीईसी प्रोजेक्ट का पुनरुद्धार
जिस सीपीईसी प्रोजेक्ट को लेकर पाकिस्तान में हाल ही में तनाव उत्पन्न हुआ था, वह अब फिर से सक्रिय हो रहा है। इसे अब सीपीईसी 2.0 के नाम से जाना जाएगा। अमेरिका को इस बात की चिंता हो या न हो, लेकिन यह भारत के लिए अच्छी खबर नहीं है। चीन और पाकिस्तान फिर से इस प्रोजेक्ट पर काम करने जा रहे हैं, जिसमें पांच नए कॉरिडोर जोड़े जाएंगे। यह भारत के लिए एक गंभीर खतरा है।
भारत की चिंताएं
चाहे अमेरिका इसे नजरअंदाज करे, लेकिन भारत को इस बात की चिंता होनी चाहिए कि चीन और पाकिस्तान एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं, खासकर तब जब भारत भी चीन के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है। ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगाया, जिसके बाद भारत ने चीन के साथ अपने संबंधों को सुधारने का निर्णय लिया। दोनों देश अब व्यापारिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन बीआरआई परियोजना भारत के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।