चीन की पाकिस्तान को मदद: जयराम रमेश ने संसद में चर्चा की अपील की

चीन-पाकिस्तान संबंधों पर जयराम रमेश की टिप्पणी
कांग्रेस के सांसद जयराम रमेश ने हाल ही में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह की टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने पाकिस्तान को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की, जिसमें रियल-टाइम खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान भी शामिल था। यह भारत की सुरक्षा चुनौतियों की जटिलता को उजागर करता है। उन्होंने यह भी कहा कि संसद में चीन और पाकिस्तान के संबंधों पर विस्तृत चर्चा की आवश्यकता है।
चीन की खुफिया सहायता
जयराम रमेश ने बताया कि चीन ने पाकिस्तान को भारत की संपत्तियों का लाइव डेटा प्रदान किया और तुर्की ने पाकिस्तान को ड्रोन भी उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक गंभीर चुनौती है, जिसे चीन का समर्थन प्राप्त है। अमेरिका भी एक चुनौती है, लेकिन उसकी स्थिति अलग है। इसलिए, उन्होंने इंडोनेशिया में रक्षा प्रमुख सीडीएस जनरल अनिल चौहान के खुलासे और जनरल राहुल सिंह की टिप्पणियों पर संसद में चर्चा की मांग की।
भू-राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह की टिप्पणियाँ यह स्पष्ट करती हैं कि चीन ने पाकिस्तान की वायु सेना को काफी सहायता दी है। यह जानकारी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन की भूमिका को समझने में महत्वपूर्ण है, जो भारत की सुरक्षा रणनीति पर गहरा प्रभाव डालता है।
संसद में चर्चा की आवश्यकता
जयराम रमेश ने 21 जुलाई, 2025 को शुरू होने वाले आगामी मानसून सत्र में चीन से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की मांग की है। यह मांग उस ऐतिहासिक कदम का समर्थन करती है, जब प्रधानमंत्री मोदी ने 2020 में लद्दाख में यथास्थिति को बदलने के लिए चीन को जिम्मेदार नहीं ठहराया था।
चीन द्वारा पाकिस्तान को दी गई सहायता, त्रिपक्षीय बैठकों और व्यापार घाटे के बढ़ने से भारत के सामने भू-राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियाँ स्पष्ट हैं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए संसद में एक सार्थक चर्चा की आवश्यकता है, ताकि सभी पक्षों की राय मिल सके और भारत की सुरक्षा और आर्थिक हितों की रक्षा की जा सके।