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चीन में सत्ता परिवर्तन की आहट: शी जिनपिंग की स्थिति पर संकट

चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग की स्थिति पर संकट के संकेत मिल रहे हैं। 16 दिनों तक गायब रहने के बाद, जिनपिंग की अनुपस्थिति ने राजनीतिक हलचल को जन्म दिया है। उनकी सत्ता से हटाए जाने की संभावनाएं बढ़ रही हैं, जबकि देश की अर्थव्यवस्था भी संकट में है। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और क्या हो सकता है आगे।
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चीन में राजनीतिक हलचल

चीन में हालात तेजी से बदल रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग को सत्ता से हटाने की संभावनाएं बढ़ रही हैं। हालाँकि देश में सामान्य स्थिति बनी हुई है, लेकिन जिनपिंग का 16 दिनों तक गायब रहना और सार्वजनिक कार्यक्रमों से अनुपस्थिति कई सवाल खड़े कर रही है। जिनपिंग 21 मई से 5 जून के बीच अचानक लापता हो गए, और इस दौरान उनकी कोई तस्वीर भी सरकारी मीडिया में नहीं आई। 2017 के बाद से यह पहली बार है जब उनका इतना लंबा गायब रहना देखा गया है।


चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी में भी महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट का सामना कर रही है, जिससे जिनपिंग के लिए चुनौतियाँ बढ़ गई हैं और अब तख्तापलट की आशंका भी जताई जा रही है। इस बीच, प्रधानमंत्री ली केकियांग और उप प्रधानमंत्री हे लिफेंग विदेशी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं।


चीन के प्रमुख समाचार पत्र पीपुल्स डेली और सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने भी जिनपिंग की कोई तस्वीर 2 से 5 जून के बीच प्रकाशित नहीं की, जो एक संयोग नहीं हो सकता। विशेष रूप से, जिनपिंग 6-7 जुलाई को ब्राजील में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी शामिल नहीं होंगे। पिछले कुछ हफ्तों से जिनपिंग फिर से गायब हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने हाल ही में जिनपिंग के अंत की भविष्यवाणी की थी।


जिनपिंग कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव और सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के अध्यक्ष हैं। 6 जून को चीन की स्टेट काउंसिल के 50 से अधिक मंत्रियों ने शपथ ली, लेकिन जिनपिंग वहां उपस्थित नहीं थे। इस दौरान 'शी जिनपिंग थॉट' का पाठ किया गया।


शक्तिशाली पोलित ब्यूरो के सदस्य झांग को पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ के प्रति वफादार सदस्यों का समर्थन प्राप्त है, जो जिनपिंग से कम कट्टरपंथी माने जाते हैं। वांग यांग को शी जिनपिंग का संभावित उत्तराधिकारी माना जा रहा है। उन्हें 2022 में चीन के शीर्ष नेतृत्व के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में देखा गया था। जिनपिंग के करीबी सहयोगियों को दरकिनार करने और सेना में फेरबदल करने के कदम को उनके सत्ता से बाहर होने की प्रक्रिया के रूप में देखा जा रहा है। यह संकेत देता है कि चीन में जल्द ही कुछ बड़ा होने वाला है।