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चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए BCCI का विवादास्पद फैसला

भारतीय क्रिकेट में एक नया विवाद खड़ा हो गया है जब BCCI ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए एक नया नियम लागू किया है। इस नियम के तहत केवल उन्हीं खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया जाएगा जिन्होंने घरेलू विजय हजारे ट्रॉफी में भाग लिया है। इसके परिणामस्वरूप, अनुभवी खिलाड़ी रोहित शर्मा और विराट कोहली टीम से बाहर हो गए हैं। यह निर्णय क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। क्या यह निर्णय भारतीय क्रिकेट के लिए सही है? जानें इस फैसले के पीछे की वजह और इसके संभावित प्रभाव।
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क्रिकेट का जुनून और BCCI का नया नियम

क्रिकेट केवल एक खेल नहीं है, बल्कि भारत में यह एक गहरी भावना है। जब भारतीय टीम मैदान में उतरती है, तो 140 करोड़ लोगों की उम्मीदें उनके साथ होती हैं। लेकिन हाल ही में BCCI द्वारा लिए गए एक निर्णय ने सभी को चौंका दिया है, जिसे कई लोग भारतीय क्रिकेट का सबसे बड़ा 'सेल्फ गोल' मान रहे हैं।


BCCI ने एक नया नियम लागू किया है, जिसके अनुसार चैंपियंस ट्रॉफी में केवल उन्हीं खिलाड़ियों को शामिल किया जाएगा जिन्होंने घरेलू विजय हजारे ट्रॉफी में भाग लिया हो। यह सुनने में अच्छा लगता है कि घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता दी जा रही है, लेकिन इसके पीछे एक गंभीर पहलू भी है।


इस नियम के कारण भारत के दो प्रमुख और अनुभवी खिलाड़ी, रोहित शर्मा और विराट कोहली, टीम से बाहर हो गए हैं। जी हां, आपने सही सुना। केवल इसलिए कि उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में भाग नहीं लिया, अब वे चैंपियंस ट्रॉफी में भारत का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाएंगे।


यह निर्णय इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि चैंपियंस ट्रॉफी पाकिस्तान में आयोजित होने जा रही है, जहां खेलने का दबाव युवा खिलाड़ियों के लिए बहुत अधिक होता है। ऐसे में रोहित और विराट जैसे अनुभवी खिलाड़ियों का टीम में न होना, किसी भी मजबूत टीम को कमजोर कर सकता है। ये दोनों खिलाड़ी केवल क्रिकेटर नहीं हैं, बल्कि टीम की रीढ़ हैं। उनका अनुभव और दबाव में खेलने की क्षमता किसी भी युवा खिलाड़ी से कहीं अधिक है।


सवाल यह उठता है कि क्या BCCI अब केवल आर्थिक लाभ के बारे में सोच रहा है? एक ओर, BCCI चाहता है कि उसके शीर्ष खिलाड़ी IPL में खेलें ताकि ब्रॉडकास्टरों से मिलने वाले हजारों करोड़ रुपये का नुकसान न हो, लेकिन जब देश के लिए एक बड़े टूर्नामेंट में खेलने की बात आती है, तो ऐसे अजीब नियम लागू कर दिए जाते हैं।


क्या BCCI यह संकेत देना चाहता है कि IPL देश के लिए खेलने से अधिक महत्वपूर्ण है? यह सवाल फैंस और विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। यह निर्णय किसी भी तर्क के अनुसार सही नहीं बैठता। यह ऐसा है जैसे आप वर्ल्ड कप फुटबॉल में मेसी या रोनाल्डो को केवल इसलिए बाहर कर दें क्योंकि उन्होंने कोई घरेलू लीग नहीं खेली। उम्मीद है कि BCCI अपनी इस बड़ी गलती को समय रहते सुधार लेगा, वरना चैंपियंस ट्रॉफी में भारत का सपना शुरू होने से पहले ही टूट सकता है।