छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का आत्मसमर्पण: 71 माओवादी लौटे मुख्यधारा में

छत्तीसगढ़ में एंटी नक्सल ऑपरेशन की सफलता
छत्तीसगढ़ में एंटी नक्सल ऑपरेशन: छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों ने एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। दंतेवाड़ा में पुलिस मुठभेड़ के डर से 71 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया। इनमें 50 पुरुष और 21 महिला नक्सली शामिल हैं, जिनमें से 30 के सिर पर कुल 64 लाख रुपए का इनाम था। कई नक्सली सुरक्षा बलों पर हमले के मामलों में शामिल रहे हैं।
दंतेवाड़ा के एसपी गौरव राय ने बताया कि सभी नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है और बस्तर क्षेत्र में चल रही सरेंडर और पुनर्वास नीति के तहत मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार की पुनर्वास योजनाओं जैसे पूना मारगेम और लोन वर्राटू से प्रभावित होकर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण की इच्छा व्यक्त की।
#WATCH दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़): दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया, "आज दंतेवाड़ा में कुल 71 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है जिनमें से 30 इनामी नक्सली हैं। उन्होंने मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला किया और आत्मसमर्पण किया।" pic.twitter.com/IFlM3cXSrk
— News Media (@AHindinews) September 24, 2025
सरेंडर का विकल्प
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगले वर्ष तक देश को नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि अब नक्सलियों के पास केवल सरेंडर करने का विकल्प बचा है।
इनामी नक्सलियों की जानकारी
दंतेवाड़ा के एसपी ने बताया कि नक्सली बामन मड़काम पर 8 लाख रुपए का इनाम था, जो पुलिस के साथ कई मुठभेड़ों में शामिल रहा। वहीं, महिला माओवादी शमिला उर्फ सोमली कवासी पर 5 लाख रुपए का इनाम था, जो सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और 2024 में बोड़गा में पुलिस के साथ मुठभेड़ में शामिल थी।
इसके अलावा, महिला माओवादी गंगी उर्फ रोहनी बारसे पर भी 5 लाख रुपए का इनाम था, जो 2024 में भामरागढ़ एरिया कमेटी के ग्राम परादी में मुठभेड़ में शामिल थी। जोगा मड़काम पर 2 लाख रुपए का इनाम था, जो 2018 में ग्राम मार्जूम और 2021 में ग्राम गोगुण्डा डुंगीनपारा के जंगल में मुठभेड़ में शामिल रहा।