जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: राजनीतिक हलचल और विवादों का सिलसिला

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा
जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: मानसून सत्र के पहले दिन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने राजनीतिक माहौल में हलचल पैदा कर दी है। उनके कार्यकाल के दौरान कई विवाद सामने आए, जिसमें विपक्ष के साथ उनकी टकराव और सरकार पर उठाए गए सवाल शामिल हैं। उन्होंने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम को निरस्त करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर भी सवाल उठाए थे।
विपक्ष का नोटिस और सरकार की रणनीति
सोमवार, 21 जुलाई, 2025 को, 63 विपक्षी सांसदों ने जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने का प्रस्ताव रखा। धनखड़ ने भाजपा को सूचित किए बिना इस नोटिस को स्वीकार कर लिया। सरकार पहले लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव लाने की योजना बना रही थी, जिसे अपनी सफलता के रूप में पेश किया जाना था, लेकिन विपक्ष ने इस मामले में बढ़त बना ली।
धनखड़ का विपक्ष के साथ टकराव
धनखड़ की विवादास्पद स्थिति
उपराष्ट्रपति के रूप में धनखड़ ने अक्सर विपक्ष के साथ टकराव किया। उन पर पक्षपात का आरोप लगाया गया, जिसके चलते पिछले साल उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। अब विपक्षी नेताओं को अधिक बोलने का अवसर मिल रहा है।
किसान आंदोलन पर सवाल उठाना
किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरना
धनखड़ ने 2020 से चल रहे किसानों के आंदोलन के संदर्भ में सरकार पर सवाल उठाए। दिसंबर 2024 में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने कृषि मंत्री से पूछा कि किसानों से किए गए वादे क्यों पूरे नहीं हुए।
सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाना
न्यायपालिका पर धनखड़ की टिप्पणी
इस महीने की शुरुआत में, धनखड़ ने जस्टिस यशवंत वर्मा विवाद पर न्यायपालिका की आलोचना की। उन्होंने नकदी बरामदगी की आपराधिक जांच की मांग की और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एनजेएसी अधिनियम को निरस्त करने के निर्णय पर सवाल उठाया।
राघव चड्ढा मामले में सरकार की नाराजगी
राज्यसभा से निलंबन
आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा को धनखड़ ने नियमों का उल्लंघन करने के कारण 11 अगस्त, 2023 को राज्यसभा से निलंबित कर दिया था। धनखड़ ने अपना निलंबन वापस लेने का प्रयास किया, जिससे सरकार नाराज हो गई।