जगदीप धनखड़ का सरकारी आवास: इस्तीफे के बाद की स्थिति

धनखड़ को खाली करना होगा सरकारी आवास
नई दिल्ली: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को अपने पद से इस्तीफा देने के बाद जल्द ही अपना सरकारी आवास छोड़ना पड़ेगा। नए उपराष्ट्रपति का चुनाव शीघ्र होने वाला है, जिसके बाद नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति को यह आवास आवंटित किया जाएगा। हालांकि, धनखड़ को मिलने वाला टाइप-8 बंगला अभी तैयार नहीं है, जिससे उन्हें कुछ समय के लिए अस्थायी आवास में रहना पड़ सकता है।
स्थायी आवास में देरी का कारण
स्थायी आवास में क्यों हो रही है देरी?
खबरों के अनुसार, जगदीप धनखड़ को एपीजे अब्दुल कलाम मार्ग पर स्थित बंगला नंबर 34 आवंटित होना है, लेकिन वर्तमान में इस बंगले में एक केंद्रीय मंत्री निवास कर रहे हैं। पहले केंद्रीय मंत्री को बंगला खाली करना होगा, उसके बाद इसे पूर्व उपराष्ट्रपति के प्रोटोकॉल के अनुसार रेनोवेट किया जाएगा। इस प्रक्रिया में लगभग 4 महीने लगने की संभावना है।
अचानक इस्तीफे से उत्पन्न स्थिति
अचानक इस्तीफे से पैदा हुई स्थिति
आमतौर पर पूर्व राष्ट्रपतियों या उपराष्ट्रपतियों के लिए आवास की व्यवस्था में कोई देरी नहीं होती, लेकिन धनखड़ के अचानक इस्तीफे के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। इससे पहले उपराष्ट्रपति रहे वेंकैया नायडू को भी स्थायी आवास के लिए कुछ समय का इंतजार करना पड़ा था। सरकारी सूत्रों ने बताया है कि बंगले के तैयार होने में हो रही देरी पूरी तरह से तकनीकी कारणों से है।
धनखड़ के पास विकल्प
अब धनखड़ के पास क्या हैं विकल्प?
फिलहाल, पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़ के पास दो विकल्प हैं। पहला, जब तक स्थायी आवास तैयार नहीं होता, तब तक वह केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) द्वारा दिए गए किसी अस्थायी सरकारी आवास में रह सकते हैं। दूसरा विकल्प यह है कि वह अपने स्तर पर किसी निजी आवास की व्यवस्था करें, लेकिन इसमें सुरक्षा संबंधी चिंताएं हो सकती हैं।