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जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से सियासी हलचल तेज़

जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफे ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह धनखड़ और प्रधानमंत्री मोदी के बीच का मामला है। उन्होंने आरोप लगाया कि धनखड़ ने हमेशा सरकार का पक्ष लिया और विपक्ष को महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने का मौका नहीं दिया। जानें इस इस्तीफे के पीछे की वजह और कर्नाटक कांग्रेस में चल रही हलचल के बारे में।
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जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से सियासी हलचल तेज़

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। विपक्ष ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार (27 जुलाई 2025) को कहा कि यह इस्तीफा धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच का मामला है। खड़गे ने यह भी कहा कि पूर्व उपराष्ट्रपति हमेशा सरकार के पक्ष में रहे हैं।


खड़गे का धनखड़ पर आरोप

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने सवाल उठाया कि क्या किसानों के समर्थन में बोलने के कारण धनखड़ को इस्तीफे के लिए मजबूर किया गया? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि धनखड़ ने राज्यसभा के सभापति के रूप में सरकार का पक्ष लिया और विपक्ष को महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने का अवसर नहीं दिया।


खड़गे ने कहा, “हमें उनके इस्तीफे के बारे में कोई जानकारी नहीं है। यह धनखड़ और मोदी के बीच का मामला है। उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि क्या हुआ? जब हमने गरीबों, महिलाओं, दलितों और वंचितों पर अत्याचार जैसे मुद्दे उठाने की कोशिश की, तो उन्होंने हमें मौका नहीं दिया।”


धनखड़ का अचानक इस्तीफा

जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की शाम को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से राजनीतिक अटकलें तेज़ हो गईं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे अपने त्यागपत्र में धनखड़ ने कहा कि वह स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता देने के लिए तुरंत प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं।


कर्नाटक कांग्रेस में टकराव

कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष को बदलने के सवाल पर खड़गे ने कहा, “ये सारी बातें अभी नहीं कही जा सकतीं... बाद में बात करेंगे।” वर्तमान में, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार विस्तारित कार्यकाल के लिए कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष हैं। राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर उन्हें बदलने की मांग उठ रही है क्योंकि उनके पास दो प्रमुख पद हैं।