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जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से सियासी हलचल, विपक्ष ने मोदी सरकार पर लगाए आरोप

जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे ने भारतीय राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है। विपक्ष ने इस इस्तीफे को मोदी सरकार के दबाव का परिणाम बताया है, जबकि धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है। इस बीच, जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को लेकर उठे सवालों ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। जानें इस विवाद के पीछे की सच्चाई और विपक्ष के आरोपों का क्या है आधार।
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जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से सियासी हलचल, विपक्ष ने मोदी सरकार पर लगाए आरोप

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: सियासत में उबाल

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे का ताजा अपडेट: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के पद से इस्तीफे ने देश की राजनीति में हलचल मचा दी है। विपक्ष ने इस इस्तीफे के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया, लेकिन विपक्ष इसे बहाना मान रहा है। उनका कहना है कि इस्तीफे के पीछे राजनीतिक दबाव और मतभेदों का हाथ है। विपक्ष का दावा है कि धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से नहीं, बल्कि सरकार के साथ मतभेदों और जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले के चलते इस्तीफा दिया है।


सरकार पर आरोप: दबाव और छवि को नुकसान


विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने धनखड़ पर दबाव डालकर उन्हें इस्तीफे के लिए मजबूर किया। धनखड़ की चुप्पी और विदाई भाषण न देने से भी सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि धनखड़ का इस्तीफा जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार करने के कारण हुआ। सरकार इस प्रस्ताव को लोकसभा में सर्वसम्मति से लाना चाहती थी और धनखड़ से सहयोग की उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने बिना सरकार को सूचित किए प्रस्ताव को राज्यसभा में स्वीकार कर लिया।


जानें कि जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप क्यों लग रहे हैं।