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जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा से पहले सुरक्षा बढ़ाई गई

जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद, सुरक्षा बलों ने अमरनाथ यात्रा से पहले पहलगाम क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को बढ़ा दिया है। सेना, पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीमों ने वन क्षेत्रों में तलाशी अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य ऊंचे इलाकों में आतंकवादियों की मौजूदगी को खत्म करना है। इस अभियान में ड्रोन और खोजी कुत्तों का उपयोग किया जा रहा है। जानें इस सुरक्षा अभियान के बारे में और अधिक जानकारी।
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जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा से पहले सुरक्षा बढ़ाई गई

सुरक्षा में वृद्धि का कारण

सुरक्षा में वृद्धि: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले के बाद, भारतीय सुरक्षा बलों ने अपनी चौकसी बढ़ा दी है। अमरनाथ यात्रा के आगमन से पहले, दक्षिण कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में सुरक्षा के इंतजाम को मजबूत किया गया है। सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त टीमों ने आसपास के वन क्षेत्रों में व्यापक तलाशी अभियान आरंभ किया है।


तलाशी अभियान का मुख्य उद्देश्य

अभियान का प्राथमिक उद्देश्य

अधिकारियों के अनुसार, इस अभियान का मुख्य उद्देश्य खानाबदोश जनजातियों और चरवाहों द्वारा उपयोग किए जाने वाले अस्थायी आश्रयों की जनगणना करना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऊंचे इलाकों में कोई आतंकवादी न हो।


सुरक्षा उपायों का विस्तार

सुरक्षा बल यात्रा मार्ग की ओर जाने वाले घने वन क्षेत्रों और पहाड़ी रास्तों की निगरानी के लिए ड्रोन, खोजी कुत्तों और अन्य उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं। ये उपाय व्यापक सुरक्षा ग्रिड का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य संभावित खतरों को रोकना और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।


वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि नियमित क्षेत्र सफाई अभ्यास के तहत आने वाले दिनों में ऐसे अभियान जारी रहेंगे।