जयराम रमेश का मोदी सरकार पर तीखा हमला: गलवान घाटी संघर्ष के सवाल

कांग्रेस नेता का मोदी सरकार पर आरोप
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने 2020 में हुए गलवान घाटी संघर्ष को लेकर मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सरकार से आठ महत्वपूर्ण सवाल पूछे हैं, जिनका उत्तर न देने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले पांच वर्षों में सरकार ने सच्चाई को छिपाने और भटकाने की नीति अपनाई है।
गलवान पर पीएम के बयान पर उठे सवाल
जयराम रमेश ने कहा, "19 जून 2020 को, जब हमारे सैनिकों की शहादत के चार दिन बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि 'ना कोई हमारी सीमा में घुस आया है, ना ही कोई घुसा हुआ है', तो क्या यह चीन को दी गई क्लीन चिट नहीं थी?" उन्होंने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए इसे सैनिकों के बलिदान का अपमान बताया।
वापसी समझौते पर उठे संदेह
रमेश ने 21 अक्टूबर 2024 के वापसी समझौते पर भी सवाल उठाया, "क्या यह समझौता हमें वास्तव में उसी यथास्थिति पर ले जाता है?" उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार 1962 के बाद भारत को हुए सबसे बड़े भूभाग नुकसान की जिम्मेदार है। इसके साथ ही, भारत-चीन व्यापार और रणनीतिक मुद्दों पर भी उन्होंने सवाल उठाए।
राहुल गांधी को मिली सुप्रीम कोर्ट से राहत
गलवान मामले से जुड़े एक पुराने विवाद में, सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को अंतरिम राहत प्रदान की है। 2020 में उनके बयान पर दायर मानहानि मामले में कोर्ट ने निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "जो बातें मीडिया में छपीं, अगर वह यह सब नहीं बोल सकते तो फिर विपक्ष के नेता नहीं हो सकते।" जस्टिस दत्ता ने पूछा, "आपको जो कुछ भी कहना है, वह संसद में क्यों नहीं कहते? आपको यह सब सोशल मीडिया पर कहने की क्या जरूरत है?" उन्होंने यह भी सवाल किया, "आपको कैसे पता कि भारत की दो हजार वर्ग किलोमीटर जमीन चीन ने कब्जा ली? क्या आप वहां मौजूद थे? क्या आपके पास विश्वसनीय जानकारी है?"