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जर्मनी के विदेश मंत्री का भारत दौरा: हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझेदारी पर जोर

जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान डेविड वेडफुल ने भारत में अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक प्रमुख साझेदार बताया और सुरक्षा, नवाचार, और प्रौद्योगिकी में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की। इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों को और बढ़ाना है। जानें इस दौरे के प्रमुख बिंदुओं के बारे में।
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जर्मनी के विदेश मंत्री का भारत दौरा: हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझेदारी पर जोर

भारत में जर्मनी के विदेश मंत्री का आगमन


भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक प्रमुख साझेदार


जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान डेविड वेडफुल अपनी दो दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे हैं। यह दौरा 2 और 3 सितंबर को निर्धारित है। इस दौरान, वे भारत के उद्योग और विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगे और इसरो का दौरा भी करेंगे।


वेडफुल ने अपनी यात्रा के संबंध में जानकारी साझा करते हुए कहा कि एशिया में भारत एक महत्वपूर्ण साझेदार है। यह यात्रा उस समय हो रही है जब अमेरिका यूरोपीय संघ के माध्यम से भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। उल्लेखनीय है कि जर्मनी यूरोपीय संघ की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।


जर्मन विदेश मंत्री की पोस्ट

जर्मनी के विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंध हैं। यात्रा से पहले, उन्होंने भारत-प्रशांत क्षेत्र और वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने जर्मनी और भारत के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों पर जोर दिया।


वेडफुल ने सुरक्षा सहयोग, नवाचार, प्रौद्योगिकी और कुशल कार्यबल की भर्ती को द्विपक्षीय संबंधों के मुख्य स्तंभ बताया। उन्होंने कहा कि भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साझेदार है और हमारे संबंधों में विस्तार की अपार संभावनाएं हैं।


जर्मनी और भारत के बीच स्वाभाविक गठबंधन

उन्होंने कहा कि भारत, जो दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश और सबसे बड़ा लोकतंत्र है, की आवाज हिंद-प्रशांत क्षेत्र से परे भी महत्वपूर्ण है। इसीलिए, वे बेंगलूरू और नई दिल्ली की यात्रा कर रहे हैं।


जर्मन विदेश मंत्री ने जर्मनी और भारत जैसे लोकतंत्रों के बीच स्वाभाविक गठबंधन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत हमारी सदी की अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमें मिलकर नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखना चाहिए।