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जर्मनी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ अपनी एकजुटता जताई

जर्मनी ने भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ अपनी एकजुटता की पुष्टि की है। भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने जर्मनी में आतंकवाद के प्रति भारत की शून्य-सहिष्णुता नीति को साझा किया। जर्मनी के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान द्वारा परमाणु ब्लैकमेल के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प की सराहना की। भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम हमले का प्रतिशोध लेते हुए ‘आपरेशन सिंदूर’ चलाया। दोनों देशों ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।
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जर्मनी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ अपनी एकजुटता जताई

जर्मनी का भारत के प्रति समर्थन

जर्मनी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के संघर्ष में अपनी एकजुटता की पुष्टि की है। भारतीय सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल, जो बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में था, जर्मनी में पहलगाम हमले के बाद भारत की सख्त आतंकवाद विरोधी नीति को साझा करने के लिए गया था। जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल ने इस हमले की निंदा करते हुए भारत के प्रति अपने समर्थन की पुष्टि की।


परमाणु ब्लैकमेल के खिलाफ भारत का दृढ़ संकल्प

भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने जर्मन नेताओं को भारत की आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता की नीति से अवगत कराया। इस दौरान, जर्मनी के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान द्वारा परमाणु ब्लैकमेल के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प को रेखांकित किया। उल्लेखनीय है कि आतंकियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 लोगों की हत्या की थी।


‘आपरेशन सिंदूर’ का प्रतिशोध

भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में घुसकर 100 से अधिक आतंकियों को मारकर पहलगाम हमले का प्रतिशोध लिया। इस कार्रवाई को ‘आपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया, जिसमें 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में आतंकी शिविरों को नष्ट किया गया।


अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जानकारी देना

भारत के आतंकवाद के खिलाफ कड़े रुख के तहत ‘आपरेशन सिंदूर’ जारी है। केंद्र सरकार के निर्देश पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में कई देशों का दौरा किया। भारतीय दूतावास ने बर्लिन में एक पोस्ट में कहा कि रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने अपनी यात्रा समाप्त की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ स्थिति शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व और थिंक-टैंकों में गूंजती रही।


भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना

दोनों पक्षों ने भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर एक नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। रविशंकर प्रसाद ने बैठक के बाद कहा कि हमने आतंकवाद के खतरे को रेखांकित किया और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया, यह कहते हुए कि लोकतांत्रिक देशों को इस खतरे का सामना करने के लिए एकजुट होना चाहिए।