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जावेद अख्तर और बुशरा अंसारी के बीच विवाद: एक नई बहस का जन्म

जावेद अख्तर और पाकिस्तानी अभिनेत्री बुशरा अंसारी के बीच हालिया विवाद ने एक नई बहस को जन्म दिया है। बुशरा ने जावेद पर तंज कसते हुए कहा कि वह अपनी पहचान बनाए रखने के लिए विवादास्पद बयान देते हैं। जावेद ने इस पर तीखा पलटवार किया, जिसमें उन्होंने बुशरा के बयानों का जवाब दिया और अपने अनुभव साझा किए। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और दोनों के बयानों की सच्चाई।
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जावेद अख्तर और बुशरा अंसारी के बीच विवाद: एक नई बहस का जन्म

जावेद अख्तर पर बुशरा अंसारी की टिप्पणी

जावेद अख्तर पर बुशरा अंसारी का तंज: पाकिस्तानी अभिनेत्री बुशरा अंसारी ने जावेद अख्तर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह अपनी पहचान बनाए रखने के लिए विवादास्पद बयान देते हैं और मुंबई में उन्हें घर किराए पर नहीं मिलता। यह टिप्पणी 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले के संदर्भ में आई, जिसमें 26 लोगों की जान गई। जावेद ने इस हमले की निंदा करते हुए भारत सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ ठोस कदम उठाने की अपील की थी।


उन्होंने कहा था, 'यह कई बार हो चुका है। केंद्र सरकार से अनुरोध है कि तुरंत कार्रवाई की जाए। सीमा पर कुछ पटाखे चलाने से काम नहीं चलेगा। ऐसा कुछ करें कि वहां का पागल सेना प्रमुख याद रखे।'


बुशरा अंसारी का जवाब

अख्तर को दिया करारा जवाब


बुशरा ने बिना नाम लिए सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी, 'हमारे तथाकथित लेखक को तो बहाना चाहिए था। उन्हें बॉम्बे में मकान किराए पर नहीं मिलता था। अपनी उपस्थिति के लिए वह कुछ भी बोल सकते हैं... कोई शर्म करे। मरने में आपके दो घंटे बचे हैं, फिर भी ऐसी फिजूल बातें कर रहे हैं।' उन्होंने जावेद को नसीरुद्दीन शाह की तरह चुप रहने की सलाह दी।


जावेद अख्तर का तीखा पलटवार

जावेद का जवाब


30 मई 2025 को एक साक्षात्कार में, जावेद अख्तर ने बुशरा के कटाक्ष का उत्तर दिया। उन्होंने कहा, 'यह मशहूर पाकिस्तानी टीवी अभिनेत्री बुशरा अंसारी, जो बार-बार मुझ पर बात करती हैं, उन्होंने कहा कि मुझे नसीरुद्दीन शाह की तरह चुप रहना चाहिए। मेरा सवाल है, वह कौन हैं मुझे यह बताने वाली कि मैं कब बोलूं और कब चुप रहूं? उन्हें यह हक किसने दिया?'


जावेद ने बुशरा के मकान वाले तंज पर भी पलटवार किया, 'लगभग 25 साल पहले शबाना (आजमी) एक फ्लैट खरीदना चाहती थीं। ब्रोकर ने बताया कि मालिक मुस्लिम को फ्लैट नहीं बेचना चाहता, क्योंकि उसका परिवार विभाजन के दौरान सिंध से निकाला गया था। यह उसकी निजी पीड़ा थी, धर्म की नहीं। तो बुशरा अंसारी इसे तोड़-मरोड़कर मुझ पर तंज कैसे कस सकती हैं? उन्हें पहले अपने देश का इतिहास देखना चाहिए।' उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, 'हां, शबाना और मैं मुंबई की सड़कों पर सोते हैं, है ना?'