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जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत ने वैश्विक सहयोग को बढ़ाने की दिशा में उठाए महत्वपूर्ण कदम

जोहान्सबर्ग में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन ने भारत के लिए बहुपक्षीय सहयोग को सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा, इटली, जापान और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं के साथ व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग पर महत्वपूर्ण वार्ताएं कीं। इस सम्मेलन में आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ संयुक्त प्रयासों और वैश्विक दक्षिण की आवाज़ को सशक्त बनाने पर भी चर्चा हुई। जानें इस सम्मेलन में और क्या महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
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जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत ने वैश्विक सहयोग को बढ़ाने की दिशा में उठाए महत्वपूर्ण कदम

भारत के लिए जी-20 शिखर सम्मेलन का महत्व


जोहान्सबर्ग में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन ने भारत के लिए बहुपक्षीय सहयोग को सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा, इटली, जापान और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं के साथ व्यापार, निवेश, तकनीकी सहयोग और वैश्विक मुद्दों पर महत्वपूर्ण वार्ताएं कीं।


कनाडा के साथ व्यापारिक संबंधों को नई दिशा

कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ बैठक में, दोनों देशों ने अपने संबंधों को नई गति देने पर सहमति व्यक्त की। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 2030 तक भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार को 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि वर्तमान में यह लगभग 30 अरब डॉलर है। दोनों नेताओं ने ऊर्जा, शिक्षा, नवाचार और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया।


इटली के साथ आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त प्रयास

इटली के प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ बातचीत में, भारत ने आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ एक संयुक्त पहल शुरू करने पर सहमति जताई। इस दौरान रक्षा सहयोग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, अंतरिक्ष, नवाचार और उच्च शिक्षा में साझेदारी को बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह पहल वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ दोनों देशों के प्रयासों को मजबूत करेगी।


जापान के साथ तकनीकी सहयोग को बढ़ावा

प्रधानमंत्री मोदी और जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची के बीच हुई वार्ता में एआई, सेमीकंडक्टर, रक्षा, खनिज और प्रतिभा गतिशीलता पर सहयोग को बढ़ाने पर सहमति बनी। मोदी ने कहा कि भारत-जापान की विशेष रणनीतिक साझेदारी वैश्विक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।


वैश्विक दक्षिण की आवाज़ को सशक्त बनाना

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ बैठक में, दोनों देशों ने वैश्विक दक्षिण की आवाज़ को सशक्त बनाने पर जोर दिया। व्यापार, निवेश, खनन, युवा आदान-प्रदान, कौशल विकास और कृषि के क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा की गई। नेताओं ने डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, महत्वपूर्ण खनिज और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में नई संभावनाओं पर चर्चा की।


शिखर सम्मेलन का घोषणापत्र

शिखर सम्मेलन में अपनाए गए घोषणापत्र में भारत की प्राथमिकताओं जैसे आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक अभियान, जलवायु वित्त और विकासशील देशों की चिंताओं को प्रमुखता से शामिल किया गया। यह घोषणापत्र वार्ता की शुरुआत में सर्वसम्मति से स्वीकृत हुआ, जो वैश्विक दक्षिण के लिए भारत के प्रयासों की सफलता को दर्शाता है।