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जी7 शिखर सम्मेलन में ट्रंप का रूस और चीन को शामिल करने का प्रस्ताव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जी7 शिखर सम्मेलन में रूस और चीन को शामिल करने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने 2014 में रूस को जी8 से हटाने के निर्णय को 'बड़ी गलती' बताया और कहा कि इससे वैश्विक स्थिति जटिल हो गई है। ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले यह बयान दिया, जिसमें युद्ध समाप्त करने पर चर्चा होगी। उनका मानना है कि संवाद की आवश्यकता है और यदि रूस को शामिल रखा जाता, तो आज युद्ध नहीं होता।
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जी7 शिखर सम्मेलन में ट्रंप का रूस और चीन को शामिल करने का प्रस्ताव

ट्रंप का जी7 में बदलाव का सुझाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को जी7 शिखर सम्मेलन के आरंभ में रूस और चीन को इस समूह में शामिल करने का सुझाव दिया। उन्होंने जी7 को जी8 या संभवतः जी9 में बदलने की इच्छा व्यक्त की। यह ध्यान देने योग्य है कि रूस और चीन जैसे अधिनायकवादी देशों को शामिल करने का प्रस्ताव उस संगठन के लिए जटिलताएँ उत्पन्न कर सकता है, जिसमें सभी सदस्य लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं।


यूक्रेन के राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले ट्रंप का बयान

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ट्रंप ने मंगलवार (17 जून) को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात से पहले यह टिप्पणी की, जिसमें यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से शुरू हुए युद्ध को समाप्त करने पर चर्चा की जाएगी।


रूस को बाहर करने का निर्णय 'बड़ी गलती'

ट्रंप ने 2014 में रूस को जी8 से हटाने के निर्णय को 'बहुत बड़ी गलती' बताया। उन्होंने कहा कि रूस को तब निकाला गया जब उसने क्रीमिया पर कब्जा किया, जिसके बाद 2022 में यूक्रेन पर व्यापक आक्रमण हुआ। ट्रंप ने कहा, 'जी7 पहले जी8 था। बराक ओबामा और ट्रूडो नाम के एक व्यक्ति ने रूस को शामिल नहीं करना चाहा।' हालांकि, उस समय कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर थे, न कि जस्टिन ट्रूडो। उन्होंने यह भी कहा, 'अगर रूस को शामिल रखा जाता, तो आज युद्ध नहीं होता। अगर चार साल पहले मैं राष्ट्रपति होता, तो भी युद्ध नहीं होता।'


पुतिन और वैश्विक संवाद की आवश्यकता

ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का उल्लेख करते हुए कहा, 'पुतिन अब मेज पर नहीं हैं, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है।' उन्होंने यह भी कहा, 'पुतिन मुझसे बात करते हैं। वह किसी और से बात नहीं करते। उन्हें जी8 से निकाले जाने का अपमान महसूस हुआ, जैसा कि मैं, आप, या कोई भी महसूस करता।' ट्रंप ने वैश्विक नेताओं के बीच संवाद की महत्ता पर जोर दिया।


चीन को जी7 में शामिल करने पर विचार

जब एक पत्रकार ने पूछा कि क्या चीन को भी जी7 में शामिल किया जाना चाहिए, तो ट्रंप ने कहा, 'यह बुरा विचार नहीं है। मुझे कोई आपत्ति नहीं है अगर कोई चाहता है कि सिर्फ चीन शामिल हो।' यह बयान ट्रंप की उस सोच को दर्शाता है जिसमें वह वैश्विक मंचों पर बड़े देशों को शामिल करने के पक्षधर हैं।


कनाडा में शिखर सम्मेलन का आयोजन

ट्रंप ने यह बयान कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में दिए। कार्नी इस शिखर सम्मेलन की मेज़बानी कनाडा के रॉकी पर्वतों के कनानास्किस में कर रहे हैं। ट्रंप के इन बयानों ने वैश्विक कूटनीति में नई बहस छेड़ दी है।