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जींद में महिला एमपीएचडब्ल्यू का सीएमओ कार्यालय पर प्रदर्शन

जींद में महिला एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारियों ने सीएमओ कार्यालय पर प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने अपनी लंबित मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन में शामिल नेताओं ने सरकार से समान काम के लिए समान वेतन और अन्य सुविधाओं की मांग की। यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे आंदोलन की राह पर जाने की चेतावनी दी। जानें इस प्रदर्शन के पीछे की पूरी कहानी और महिला कर्मचारियों की समस्याएं।
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जींद में महिला एमपीएचडब्ल्यू का सीएमओ कार्यालय पर प्रदर्शन

महिला एमपीएचडब्ल्यू की मांगों को लेकर प्रदर्शन


  • सरकार से महिला एमपीएचडब्ल्यू की लंबित मांगों को पूरा करने की अपील


जींद। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत महिला एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर गुरुवार को सीएमओ कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने सीएमओ को एक ज्ञापन सौंपा।


प्रदर्शन में शामिल एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष शर्मिला देवी, शशि बाला और बबिता देवी ने कहा कि 1998 से एनएचएम प्रोजेक्ट के तहत महिला एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। सरकार द्वारा बेटी बचाओ का नारा देने के बावजूद, महिलाएं अपने अधिकारों के लिए आंदोलन करने को मजबूर हैं। बार-बार पत्राचार और वार्ता के बावजूद, उनकी बुनियादी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे वे आर्थिक और मानसिक शोषण का शिकार हो रही हैं।


समान काम के लिए समान वेतन की अनदेखी


उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय के समान काम समान वेतन के आदेशों के बावजूद, महिला कर्मचारी नाममात्र वेतन पर काम करने को मजबूर हैं। उन्हें नियमित कर्मचारियों की तरह ड्रेस अलाउंस, यात्रा भत्ता और सेवानिवृत्ति पर कोई सम्मानजनक राशि नहीं दी जा रही है, जो चिंता का विषय है। राज्य महासचिव सहदेव आर्य और प्रवक्ता संदीप कुंडू ने कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे राज्य स्तरीय मीटिंग बुलाकर आगे की रणनीति तय करेंगे।


एमसीएच अलाउंस की मांग


उन्होंने यह भी मांग की कि एनएचएम और अर्बन पीएचसी में कार्यरत महिला एमपीएचडब्ल्यू को कैडर के मूल वेतनमान का लाभ दिया जाए। इसके अलावा, नियमित एमपीएचडब्ल्यू की तरह उन्हें भी एमसीएच अलाउंस दिया जाए।


महिला एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारियों के लिए इंटर डिस्ट्रिक्ट और इंट्रा डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर पॉलिसी बनाई जाए और उन्हें रिटायरमेंट बेनिफिट और ग्रेजुएटी का लाभ भी दिया जाए।


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