जेसी बोस विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान बनाने की योजना

विश्वविद्यालय की महत्वाकांक्षी योजनाएं
- विश्वविद्यालय का इनक्यूबेशन सेंटर 18 स्टार्टअप्स को दे रहा है सहयोग
फरीदाबाद। जेसी बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए ने हाल ही में एक मीडिया संवाद का आयोजन किया, जिसमें कुलगुरु प्रो. राजीव कुमार ने विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में विकसित करने की अपनी योजनाओं का खुलासा किया। इस सत्र का संचालन संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो. पवन सिंह ने किया। कुलगुरु ने शैक्षणिक सुधार, बुनियादी ढांचे, उद्योग सहयोग और सामाजिक जिम्मेदारी पर केंद्रित पहलों पर चर्चा की।
इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. अजय रँगा, डीन (संस्थान) प्रो. मुनीश वशिष्ठ, डीन (शैक्षणिक मामले) प्रो. अतुल मिश्रा, डीन (छात्र कल्याण) प्रो. प्रदीप डिमरी और परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजीव सिंह भी उपस्थित थे। कुलगुरु ने संतोष व्यक्त किया कि प्रमुख कंपनियां कैंपस में प्लेसमेंट गतिविधियों के लिए आ रही हैं, जिससे सभी योग्य छात्रों को प्लेसमेंट या इंटर्नशिप के अवसर मिल रहे हैं। विश्वविद्यालय का इनक्यूबेशन सेंटर वर्तमान में 18 स्टार्टअप्स को समर्थन दे रहा है, और इसे और विकसित करने की योजना है।
25 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ
पिछले तीन वर्षों में, विश्वविद्यालय को केंद्र और राज्य एजेंसियों से 25 करोड़ रुपये का अनुदान मिला है, जिसने शोध गतिविधियों को गति दी है। इस दिशा में प्रयास जारी हैं। कुलगुरु ने बताया कि विश्वविद्यालय फरीदाबाद-गुरुग्राम रोड पर 18 एकड़ के भूखंड पर दूसरे परिसर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके लिए वन विभाग की मंजूरी का इंतजार है। यह नया परिसर शैक्षणिक और शोध सुविधाओं के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रो. राजीव कुमार ने विश्वविद्यालय की प्रगति में पूर्व छात्रों और मीडिया की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया।